पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे पुलिस आयुक्तालय की स्थापना से लेकर आज तक जितने पुुलिस अधिकारी,कर्मचारी अपने कर्तव्यों,कार्यक्षमता के दम पर राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल किए थे उनके नाम फलक आयुक्तालय में लगाए गए थे। मगर अचानक सारे राष्ट्रपति विजेताओं के नाम का फलक गायब हो गया है।पुणे पुुलिस प्रशासन के लिए बेहद शर्मसार कर देने वाली घटना है। कई विजेताओं ने इस फलक के गायब होने या जानबूझकर हटा लेने की घटना पर अफसोस और दुख प्रकट किया है। इस बारे में विजेताओं का एक दल पुलिस आयुक्त अभिताभ गुप्ता से मिलने वाला है।
क्या है घटना आओ सिलसिलेवार से समझाने की कोशिश करते है। पुणे पुुलिस आयुक्तालय की स्थापना से लेकर आज तक जिन पुलिस अधिकारियों,कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ था उनके नाम के साथ फलक लगाया गया था। यह पुरस्कार राज्यपाल अथवा गृहमंत्री के हाथों प्रदान किया गया था। हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को अच्छे कामों के लिए पुुलिस महकमे को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। फलक में विजेता के नाम के साथ पूरी जानकारी लिखी होती है। यह पुरस्कार पुणे पुलिस आयुक्तालय का गौरव पिछले कई सालों से बढा रहे थे। लेकिन पूर्व पुलिस आयुक्त के.व्यंकटेश्यम की देखरेख में आयुक्तालय इमारत का नूतनीकरण और रंगरोगन,फर्निचर का काम हुआ था। इसी बीच व्यकेश्यम की बदली हो गई और उनकी जगह अमिताभ गुप्ता को भेजा गया। गुप्ता अपने काम के प्रति शक्त है तो उतने ही सरल स्वभाव और मृदुभाषी के रुप में उनकी पहचान है।
कई निवृत्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए हमारे संवाददाता को बताया कि राष्ट्रपति पदक,शौर्य पदक पाना पुलिस महकमे के लिए बडे गर्व की बात होती है। जब से पुणे पुलिस आयुक्त कार्यालय की स्थापना हुई है तब से यह रिवाज था की पदक पाने वालों के नाम वाला फलक लगाया जाए। चर्चा है कि पुलिस आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी के आदेशानुसार और अनदेखी के कारण राष्ट्रपति विजेताओं के नाम का फलक को हटाया गया या गायब किया गया। फलक पुनः लगाने के लिए सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी,कर्मचारी का एक दल जल्द पुणे पुलिस के मुखिया से मिलनेे की योजना बना रहे है। वे पुलिस कमिश्नर श्री गुप्ता से मिलकर ज्ञापन देकर नाराजगी व्यक्त करेंगे और पुन: विजेताओं के नाम का फलक लगाने की मांग करेंगे।