पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपियों में से एक पिंपरी-चिंचवड़ पालिकाके प्राथमिक शिक्षा विभाग की एक प्रशासनिक अधिकारी ज्योत्सना शिंदे सात दिनों से फरार है। शिंदे के ठिकाने का पता नहीं चला है क्योंकि जिला सत्र न्यायालय ने मामले में उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। वह सात दिनों से पालिका में नहीं है। मनपा प्रशासन विभाग को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह एक हैरानी की बात है। बुधवार (27 जनवरी) को पुणे में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने संभाजी शिरसाठ,पुणे जिले के मास्टरमाइंड और महाराष्ट्र-व्यापी शिक्षक भर्ती घोटाले,और सभी अधिकारियों,ड्राइवरों और शिक्षकों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
ज्योतिना शिंदे ने मुख्य सूत्रधार संभाजी शिरसाठ के साथ मिलकर मामला दर्ज होने के बाद भी फर्जी शिक्षकों को मान्यता दे दी। उन पर केस दर्ज होने के बाद मामले में महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के लिए पुन:स्वीकार करने का भी आरोप है। उनकी जमानत अर्जी भी सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रशासनिक अधिकारी ज्योत्सना शिंदे इस शुक्रवार (22 तारीख) से पालिका कार्यालय नहीं आ रही हैं।
उन्होंने अपने वरिष्ठों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। आयुक्त,अतिरिक्त कार्यालय,प्रशासन विभाग के पास अपना अवकाश आवेदन भी नहीं है। अपने किसी वरिष्ठ अधिकारी को फोन तक नहीं की। सवाल यह है कि जिम्मेदार अधिकारी बिना कुछ कहे अचानक कैसे लापता हो सकता है। इस बीच जिला सत्र न्यायालय ने उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया और वह पुलिस की नजर में एक फरार आरोपी है किसी भी क्षण गिरफ्तार हो सकती है।