maharashtra मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र सरकार के मानसून सत्र अधिवेशन का पहला दिन हंगामेदार रहा। भाजपा के विधायकों ने सदन में खूब हंगामा किया और विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव से बुरा बर्ताव किया,साथ ही डियूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ धक्कामुक्की की। स्पीकर ने भाजपा के 12 विधायकों को 1 साल के लिए सदन से निलंबित किया। विरोधी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस निलंबन का विरोध किया और कहा कि वे ओबीसी आरक्षण से संबंधित सुप्रिम कोर्ट की गाइडलाइन को पढकर सुनाना चाहते थे। लेकिन उनको बोलने नहीं दिया गया। अगर हमारे 106 विधायकों को सस्पेंड किया गया तो भी वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे। पहले सदन की सीढ़ियों पर बैठकर बीजेपी के तमाम नेताओं ने नारेबाजी की और उसके बाद स्पीकर के केबिन में जाकर अधिकारियों से धक्का-मुक्की का भी आरोप लगा है।
12 विधायक एक साल के लिए निलंबित
इस मामले में तमाम सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों ने बीजेपी की विधायकों पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद भाजपा के बारे 12 विधायकों को सदन से 1 साल के लिए निलंबित किया गया है। बीजेपी के जिन 12 विधायकों को सदन से निलंबित किया गया है। उनके नाम इस प्रकार है। संजय कुटे, आशीष शेलार,अभिमन्यु पवार,गिरीश महाजन,अतुल भातखलकर,पराग अलवानी,हरीश पिंपले,राम सातपुते,विजय कुमार रावल,योगेश सागर,नारायण कुचे, कीर्ति कुमार बंगड़िया हैं।
क्या है पूरा मामला
विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से 2011 की जनगणना के आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया ताकि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी आबादी का डेटा तैयार करने में सक्षम बनाया जा सके। ताकि आने वाले विभिन्न मनपा के चुनावों में राजनीतिक आरक्षण बहाल किया जा सके। काफी कोशिशों के बाद भी ओबीसी का डाटा नहीं मिला। इसलिए भुजबल ने कहा कि वह यह प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। विपक्षी समूहों ने विधानसभा के बहिष्कार का आह्वान किया। राकांपा मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि कार्यवाही बाधित होने के बाद कुटे ने भास्कर जाधव को केबिन में धकेल दिया। कुटे ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि वह भीड़ से स्तब्ध थे। उन्होंने स्वीकार किया कि वह हमें हॉल में बोलने की अनुमति नहीं देने के लिए आक्रामक थे। ऐसा महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार हुआ है। देवेंद्र फडणवीस ने सदस्यों से न बैठने को कहा। विपक्षी समूहों ने विधानसभा के बहिष्कार का आह्वान किया। प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए सदस्य मंच पर आ गए। विरोधियों ने माइक खींचने की कोशिश की। सदन में हंगामे के बाद विपक्ष और सत्तारूढ़ दल अध्यक्ष के कार्यालय में बैठकर समाधान निकालते हैं। यह महाराष्ट्र की संस्कृति है कि हॉल से निकलने के बाद आपको कभी कड़वा नहीं लगता। मेरे बैठने के बाद फडणवीस गुस्से में मेरे पास आए। विरोधी सुनने के मूड में नहीं थे। विरोधियों ने मेरी मां और बहन का अपमान किया। अगर आप 50-60 आते हैं तो भी मैं अकेला हूं। मैं एक कदम भी पीछे नहीं हटूंगा। ऐसा भास्कर जाधव ने बताया।
पीठासीन अधिकारी से बदतमीजी
नवाब मलिक ने बीजेपी विधायकों का नाम लेते हुए कहा कि इन विधायकों ने स्टेज पर जाकर पीठासीन अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की की सदन के अंदर नेता विपक्ष ने अपना स्पीकर माइक तोड़ा। इसके बाद जब हाउस स्थगित हो गया। तब बीजेपी नेताओं ने स्पीकर के केबिन में जाकर अधिकारियों से 15 मिनट तक धक्का-मुक्की की। हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित की गई है।