Up News बलिया(व्हीएसआरएस न्यूज) भ्रष्टाचार पर वार मोदी सरकार…भ्रष्टाचार पर वार योगी सरकार,मोदी बहुत जरुरी है,योगी तो यूपी में उससे भी ज्यादा जरुरी है। क्या भ्रष्टाचार खत्म हो गया? दूल्हा घोटाला कभी आपने सुना है? यूपी में बगैर दूल्हे की शादियां हो रही है। ऐसा तो रामराज्य में भी नहीं हुआ था। मोदीजी को कहते थे जादूगर,योगी तो उनसे बड़े जादूगर निकले। घर में बच्चे हैं,माँ की शादी चल रही है सामूहिक विवाह कार्यक्रम में। ये उत्तर प्रदेश है जनाब,यहां अफसर भूसा खाते हैं,गाय भूखी रहती है। हरदोई में भूसा घोटाला हुआ। 1 करोड 60 लाख रुपये का भूसा खा गए अफसरान। लालू यादव की बात करते हैं,मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा थे तब हुआ था चारा घोटाला। यूपी के गोशालाओं में गायों को कितना चारा मिलता है,जाकर देख आओ जनाब। यह चारा घोटाला नहीं तो क्या है? जांच कराएगा कौन? जांच की मांग करेगा कौन?
भाजपा विधायक केतकी सिंह द्धारा फर्जीवाडा शादियों से पर्दाफाश
बलिया में एक मनियर ब्लॉक है। वहां सामूहिक विवाह का कार्यक्रम सरकार की ओर से आयोजित था। इतना फर्जीवाडा हुआ कि भाजपा की विधायक केतकी सिंह ने मामले को उजागर किया। केतकी सिंह ने बताया कि 90% शादियां फर्जी हुई है। दूल्हा था नहीं शादी हो गई। गाजियाबाद में 3500 जोडों का सामूहिक विवाह हुआ था। वहां 200 करोड रुपये का दूल्हा घोटाला हुआ। यह बात है नवंबर 2023 की। बलिया के मनियर में 25 जनवरी को दूल्हा नहीं आए,568 जोडों की शादियां रचाने का टारगेट था। दूल्हनों ने एक दूसरे को जयमाला पहनाकर शादियां रचाई। मजेदार बात यह है कि दूल्हनें घूंघट में अपनी असलियत छुपाईं,तो दूल्हे राजाओं ने गमछा,मास्क से अपने चेहरों को ढकने का काम किया। योगी राज में सनातन धर्म का इससे बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है। एक नाबालिग लडका सामूहिक शादी देखने गया था उसको 3 हजार रुपये का लालच दिखाकर सिर पर सेहरा पहनाया गया। हलांकि लडके को बिना पैसे दिए वापस किया गया।
किराए पर दूल्हा,दूल्हन एक घंटे के लिए
सामूहिक विवाह में सरकार की ओर से दाम्पतियों को कुछ सुविधा देने की व्यवस्था है। 75 हजार रुपये नगद,पायल,बिछिया,बर्तन इत्यादि सुविधा है। लेकिन ऐसे सामूहिक विवाह में सरकारी खजाने की लूट करने के लिए योगी सरकार के अधिकारी किराए पर दूल्हा,दूल्हन एक घंटे के लिए लाते है। इन भ्रष्ट अधिकारियों के घर बुलडोजर बाबाजी का अभी तक नहीं चला। महाराज योगी आदित्यनाथ के रामराज्य सरकार में दूल्हा घोटाला,भूसा घोटाला गजब की उपलिब्धयां है। दूनिया की भ्रष्टाचार रिपोर्ट में भारत 85 वें नंबर पर है। मतलब भ्रष्टाचार पर तेजी से बढ़ते भारत के कदम।
अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में ‘दूल्हा घोटाला’ के आरोप में दो एडीओ (समाज कल्याण), समाज कल्याण विभाग के एक लिपिक और 12 बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया। बुधवार रात कई स्थानों पर छापेमारी में सारे आरोपी पकड़े गए। मामले में आरोपी एडीओ सुनील यादव को निलंबित किया जा चुका है। एक अन्य आरोपी एडीओ भानु प्रताप के निलंबन की संस्तुति भेज दी गई है।
ये अधिकारी हुए गिरफ्तार
जिले में बांसडीह, बेरुआरबारी व रेवती ब्लॉक के एडीओ (समाज कल्याण) भानु प्रताप, मनियर ब्लॉक के एडीओ (समाज कल्याण) सुनील यादव और समाज कल्याण विभाग के पटल सहायक (लिपिक) रवींद्र गुप्ता को पकड़ा गया है। भानु प्रताप उससा (पकड़ी), सुनील यादव हल्दीरामपुर (उभांव) व रवींद्र गुप्त मेहनगर (आजमगढ़) में बहवल गांव का निवासी है। शिवरामपट्टी (बांसडीह) के आलोक श्रीवास्तव, धधरौली (रेवती) के दीपक चौहान व गायघाट के मुकेश गुप्त, उदहां (सहतवार) के अर्जुन वर्मा, पकहां के रामजी चौहान, डुमरिया के संतोष यादव व बिनहां के सर्वजीत सिंह, मनियर क्षेत्र में गौरी शाहपुर के अच्छेलाल वर्मा, घाटमपुर के धर्मेन्द्र यादव, मानिकपुर (बिजलीपुर) के गुलाब यादव व उपेंद्र यादव, विक्रमपुर पश्चिम के रामनाथ को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दीपक व मुकेश जनसेवा केंद्र संचालक हैं।
क्या है मामला ?
मनियर इंटर कॉलेज के मैदान में 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ। इसमें 568 जोड़ों की शादी का दावा समाज कल्याण विभाग ने किया। अगले दिन एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें बिना दूल्हों के ही शादी होती दिखी। तमाम कन्याएं खुद से ही अपने गले में जयमाल डालती दिखाई पड़ी थीं। कुछ प्रधानों ने भी फर्जीवाड़े की शिकायत की। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। दो दिनों की जांच में करीब 245 शादियां फर्जी मिलीं। इसके बाद कार्रवाई का दौर शुरू हुआ।
क्या बोले डीएम
डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि सामूहिक विवाह में खेल के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जांच के बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बीडीओ व सचिवों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।
क्लर्क बने छात्रावास अधीक्षक का अहम रोल
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा में संलिप्त समाज कल्याण विभाग का बाबू रवींद्र लम्बे समय से मलाइदार टेबल का काम देख रहा था। शासन की ओर से छात्रावास अधीक्षक के मूल पद पर उसको भेजने का फरमान भी आया लेकिन अधिकारियों ने उसे दबा लिया। अब फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग में हड़कम्प की स्थिति है। अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के लिए बालक और बालिका छात्रावास शहर में संचालित है। दोनों छात्रावासों पर एक-एक छात्रावास अधीक्षक को तैनात किया गया है। सूत्रों की मानें तो बालक छात्रावास अधीक्षक के पद पर रवींद्र गुप्ता तैनात है। हालांकि वह ‘जुगाड़’ के बल पर करीब एक दशक पहले समाज कल्याण विभाग में पटल सहायक के रूप में खुद को सम्बद्ध करा लिया। अधिकारियों की ‘कृपा’ से वह सामूहिक विवाह के साथ ही वृद्धा पेंशन का नोडल व स्थापना के सहायक के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का काम देखता था।
अधिकारी की लॉग-इन आईडी से होता है काम
सूत्रों के अनुसार लाभार्थियों के सत्यापन का काम बीडीओ की लॉग-इन आईडी से होता है। सचिव गांवों में जाकर सूची का सत्यापन करने के बाद रिपोर्ट बीडीओ को देते हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
सीबीसीआईडी जांच की उठाई मांग
25 जनवरी को मनियर इण्टर कालेज में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा की जांच सीबीसीआईडी से कराने की मांग सपा के बांसडीह विस इकाई के अध्यक्ष उदय बहादुर सिंह ने की है।
बीडीओ और सचिवों की भूमिका की भी होगी जांच
सामूहिक विवाह प्रकरण को लेकर गंभीर डीएम व सीडीओ ने सोमवार को तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम से दो गांवों के लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराया। सूत्रों की मानें तो जांच में सभी चारो ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों व सचिवों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। हालांकि फिलहाल उनमें से एक के खिलाफ भी अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है।