National News शिमला(व्हीएसआरएस न्यूज) हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत से भले ही सरकार बना ली है, लेकिन विधायकों की नराजगी खत्म नहीं हो रही है। सोलन से तीन बार विधायक रहे धनी राम शांडिल इस बात से खुश नहीं हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उनकी उपेक्षा की गई और उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। मंगलवार को वह वरिष्ठ नेताओं से मिलने और प्रमुख पद पर नहीं चुने जाने पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली तक पहुंच गए थे।
शांडिल 82 साल के हैं, जो शिमला से तीन बार के सांसद भी रह चुके हैं। शिमला लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि होने के कारण वह इस पद की उम्मीद कर रहे थे। उनका मानना है कि इससे जातीय और क्षेत्रीय समीकरण भी संतुलित होता। एक राजपूत नेता को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, अगर एक ब्राह्मण नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाता। आपको बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू और अग्निहोत्री दोनों हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से आते हैं। इस सरकार में शिमला को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। शांडिल उत्तर पूर्व में एक राज्य के प्रभारी होने के कारण कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी रहे। उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद के लिए मजबूत दावा किया था।
अब यह देखा जाना बाकी है कि क्या उन्हें उपयुक्त रूप से कोई पद दिया जाएगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट में उन्हें मंत्री पद से नवाजा जाता है या नहीं। वह सोलन जिले में अपनी वरिष्ठता के आधार पर मंत्री पद हासिल कर सकते हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस ने सोलन जिले की पांच में से चार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। इसके अलावा शिमला लोकसभा क्षेत्र की 18 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की है।