पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा स्थायी समिति बैठक में आज एक बार फिर वर्चस्व की लडाई में भाजपा विधायकों के दोनों गुट आमने सामने नजर आए। वाकड के एक रास्ते को लेकर खुलासा मांगने से शुरु हुआ विवाद हाथापाई,तोडफोड तक पहुंचा। पालिका की सरकारी वस्तुओं की जमकर तोडफोड की गई। सदस्यों और सिक्युरिटी के बीच धक्का मुक्की की गई। जबरन स्थायी समिति सभापति संतोष लोंढे के हाथ से विषयपत्रिका छीनकर तीन बार फाडा गया। लक्ष्मण जगताप गुट के 6 सदस्यों के आक्रमक रुप देखकर खुद आयुक्त श्रावण हर्डीकर भयभीत नजर आए। सभापति-आयुक्त दोनों के उपर कई बार जगताप गुट समर्थकों ने धावा बोलने की कोशिश की। सिक्युरिटी की वजह से दोनों की रक्षा सुरक्षा हुई। आखिर में बात नहीं बनी और सदस्य आयुक्त के खुलासा पर अडे रहे और सभा चलने नहीं दे रहे थे तो आनन फानन में सभापति ने बिना कोई चर्चा कराए 5 मिनट में सभी विषय केवल नंबर पढकर मंजूर करके सभा स्थगन की घोषणा की।
आज पालिका में स्थायी समिति की सभा जैसे शुरु हुई भाजपा विधायक गुट के 6 सदस्य शशीकांत कदम,अभिषेक बारणे,अंबरनाथ कांबले,झामाबाई बारणे,संतोष बारणे,आरती चौंधे ने वाकड के एक विवादित रास्ते के बारे में खुलासा मांग रहे थे। इस रास्ते का विवाद मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंच चुका है। आयुक्त श्रावण हार्डीकर ने 7 दिनों में खुलासा देने का वक्त मांगा। सदस्यों का कहना था कि सभा स्थगित की जाए जब तक खुलासा नहीं आ जाता। लेकिन सभापति संतोष बारणे सभा चलाने के लिए अडे रहे। इसी बात को लेकर 1 घंटे तक सभा अवरोध रही। सभापति लोंढे सभा चलाने के लिए विषय पत्रिका पढने लगे तो सदस्यों ने उठकर उनके पास पहुंचे और विषयपत्रिका को हाथ से छीनकर फाड दिया। आक्रामक ढंग से दोनों विधायकों के गुटों के बीच शब्दयुद्द चलता रहा। दूसरे राऊंड में जगताप गुट के सदस्य आक्रामक होकर हेडफोन,माइक टेबल पर जोर से पटककर चकनाचूर कर दिया। सभापति भी गुस्से में लाल लाल हो गए और जगताप गुट के 6 सदस्यों को सभा से बाहर जाने के लिए हकालपट्टी लहजे में आदेश दिया। सदस्यों ने भी अपने हकालपट्टी की बात मीडिया से शेयर की। सदस्यों ने नगरसचिव उल्हास जगताप और सभापति के उपर हावी होते देख सिक्युरिटी के लोग बीचबचाव के लिए अंबरनाथ कांबले को पकडा। कांबले ने भी सिक्युरिटी को धक्का देकर कहा कि हाथ मत लगाना,70 हजार मतदाता के प्रभाग से चुनकर नगरसेवक बना हूं।
सभी 6 सदस्यों ने बाद में सतारुढ नेता नामदेव ढाके के कार्यालय में गए और मीडिया समक्ष आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेकेदार-अधिकारी मिलकर टेंडर हासिल किया है। विधायक लक्ष्मण जगताप ने इस बारे में जांच की मांग की है। एक साल से उपर हो गया आयुक्त अधिकारियों और ठेकेदारों को बचाने में लगे है और भाजपा की बदनामी कैसे हो इस दांवपेच में आयुक्त काम कर रहे है। नामदेव ढाके ने कहा करीबन 80 से ज्यादा टेंडर फर्जी दस्तावेज और कम दर में हासिल किया गया है। सिक्युरिटी डिपॉजिट तक नहीं भरी गई। एक स्टेंप पेपर में केवल डिपॅाजिट भरने का जिक्र किया गया है।
आज के विवाद से यह साफ हो गया है कि भाजपा आपस में लड रही है। दोनों विधायक अपने वर्चस्व की लडाई,पालिका में किसका कितना दबदबा यह दिखाने की कोशिश अप्रत्यक्ष रुप से कर रहे है। महेश गुट के सभापति संतोष लोंढे के साथ भाजपा सदस्यों का दूसरा गुट और राकांपा,शिवसेना के सदस्य समर्थन करते दिखे। मयुर कलाटे,राहुल कलाटे सभा चलाने के पक्षधर नजर आए। वाकड में राहुल कलाटे के वॉर्ड में यह विवादित रास्ते है। जगताप के इशारे पर 6 सदस्य रास्ते के काम को किसी भी कीमत में मंजूर नहीं होने देना चाहते। चिंचवड विधानसभा चुनाव में राहुल कलाटे और लक्ष्मण जगताप आमने सामने थे। वहीं से एक दूसरे के विरुद्ध राजनीतिक रंजिश शुरु हुई जो अब पालिका तक आ पहुंची है।