पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर के तहसीलदार कार्यालय में आज कांग्रेस,कामगार संघटना संयुक्त समिति की ओर से केंद्र सरकार के किसान और कामगार विरोधी नीतियों और पारित विधेयकों के विरोध में आंदोलन किया गया। आंदोलन का नेतृत्व कामगार नेता कैलास कदम,सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर,मानव कांबले,अजित अभ्यंकर,दिलिप पवार,अनिल रोहम,नरेंद्र बनसोडे आदि ने किया। कैलास कदम के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल अप्पर तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें किसान विरोधी,कामगार विरोधी विधेयक को वापस लेने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर विधेयक वापस नहीं लिए जाते तो 8 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन में शामिल होकर पिंपरी चिंचवड शहर में तीव्र निषेध आंदोलन करेंगे। इस दौरान कोरोना से संबंधित सारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। आंदोलनकारी गले में केंद्र सरकार के निषेधार्थ फलक लटकाए हुए थे।
इस अवसर पर कैलास कदम ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि देश में आजादी के बाद कुल 29 कामगार कानून लागू था। जिसका उपभोग देश के कामगारों ने किया। भाजपा के लोग भी इसका फायदा उठाया। लेकिन 2014 में मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनते ही कामगार कानून के साथ छेडखानी की गई। कामगार विरोधी 3 विधेयक पारित करवाए गए। किसान विरोधी विधेयक लाए गए।
पिछले आठ दिनों से 500 किसान संगठन दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है। लेकिन केंद्र की सरकार तानाशाह का रुख अपना रही है। किसान,कामगार की समस्या पर मोदी सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए और निर्णय लेना चाहिए।
लेकिन देखने को मिल रहा है कि मोदी सरकार इन समस्याओं को हल करने के बजाय बिल में संशोधन का रास्ता ढूंढ रही है। जीएसटी,नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था दयनीय है। मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेलियर साबित हुई है। एफडीआई के माध्यम से निवेश आने का विरोध नहीं लेकिन रोजगार को बढावा मिलना चाहिए। हाथ से रोजगार छीनना नहीं चाहिए। कामगारों की रोजी रोटी चलनी चाहिए। केंद्र सरकार पारित अपना तीनों विधेयक बिना विलंब वापस लेना चाहिए। ऐसी मांग कामगार नेता कैलास कदम ने हमारे संवाददाता से एक साक्षात्कार में किया।
सिटू पुणे के अजित अभ्यंकर,श्रमिक एकता महासंघ पुणे के दिलिप पवार,आयटक पुणे के अनिल रोहम,राष्ट्रीय श्रमिक एकता महासंघ-किशोर ढोकले, भारतीय कामगार सेना-रघूनाथ कुचिक, भारतीय कामगार सेना -इरफान सैय्यद,सीटु पुणे-वसंत पवार,इंटक पुणे-मनोहर गडेकर,सीपीआय पुणे-अरविंद जक्का,लता भिसे,कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता मनोज कांबले आदि मान्यवर आंदोलन में हिस्सा लिया।