Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले में तबादला किए गए कुल प्राथमिक शिक्षकों में से 239 शिक्षकों के तबादले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने गुरुवार (18) को जिले के समस्त समूह विकास पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि इन शिक्षकों को तत्काल उनके मूल विद्यालय से कार्यमुक्त न किया जाए।
इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि जिन शिक्षकों का जिले के प्राथमिक विद्यालयों में तबादला उच्च न्यायालय द्वारा निलम्बित किया गया है, उन्हें उनके मूल विद्यालय से कार्यमुक्त नहीं किया जायेगा। इस पत्र के साथ जिले के जिन शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों से तत्काल मुक्त नहीं किया जाना है, उनकी तालुकवार सूची भी सभी समूह विकास अधिकारियों को भेज दी गई है। इस आदेश के कारण जिन शिक्षकों के स्थानांतरण उच्च न्यायालय द्वारा अस्थाई रूप से निलंबित किये गये हैं, उन्हें कम से कम उच्च न्यायालय में मामले के अंतिम निर्णय तक अपने मूल विद्यालयों में ही रहने की अनुमति दी जायेगी।
274 शिक्षकों ने छठे दौर के प्राथमिक शिक्षकों के अंतर-जिला तबादलों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इनमें से 239 के तबादले पर कोर्ट ने अंतिम फैसला आने तक रोक लगा दी है। चूंकि इस स्थगन आदेश के कारण इन शिक्षकों को उनके नए कार्य स्थल पर नहीं भेजा जा सकता है, इसलिए यह स्थगन आदेश हटा लिया गया है। इन याचिकाओं पर सात जून को सुनवाई होगी।
पुणे जिले में छठे राउंड में स्थानांतरित 274 शिक्षकों में 174 उप शिक्षक और 100 स्नातक शिक्षक हैं। हालांकि 53 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को स्थानांतरण प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, लेकिन इन 274 शिक्षकों में से 55 शिक्षकों ने 53 वर्ष की आयु पूरी कर ली है। यह नई समस्या इसलिए पैदा हुई है क्योंकि आयु सीमा तय करने के लिए 30 जून 2022 की समयसीमा तय की गई है। इसके अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानांतरित किए गए शिक्षकों में 153 शिक्षक शामिल हैं।