पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड़ एजुकेशन ट्रस्ट (पीसीईटी) एस. बी. पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित ’युवोत्सव-2023’ खेल प्रतियोगिता के फाइनल फुटबॉल मैच में पीसीसीओई की टीम ने प्रतिद्वंद्वी टीम को हराकर खिताब जीता जबकि एम. यू सी. सी. टीम ने उपविजेता का स्थान हासिल किया। क्रिकेट में डी. वाय पाटिल लड़कों की टीम विजयी रही। उपविजेता का खिताब ग्लोबल बिजनेस स्कूल एंड रिसर्च सेंटर को मिला। इंदिरा कॉलेज ऑफ फार्मेसी गर्ल्स एसोसिएशन डी. वाय पाटिल ने फाइनल मैच में पिंपरी टीम को हराया।
टेबल टेनिस में आरएससीओ शौनक सम्पुरकर की उपाधि और एम.आई.टी. के चिलवार क्रिकेट में सीरीज हीरो के रूप में कौशल कुटे, सैली गोसावी, सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर शरद पिल्लई, सर्वाधिक गोल स्कोरर यश देशमुख, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शरद पिल्लई को सम्मानित किया गया। अर्जुन पुरस्कार विजेता निशानेबाज पूजा घाटकर ने पुरस्कार वितरण किया। एस बी पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ’युवोत्सव-2023’ इंटर कॉलेज खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें बालक व बालिका वर्ग में फुटबाल, क्रिकेट, टेबल टेनिस सहित अन्य प्रतियोगिताएं हुई। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों के विभिन्न कॉलेजों की 85 टीमों ने भाग लिया। खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन पिंपरी चिंचवड़ पालिका के उपायुक्त विठ्ठल जोशी ने किया,जबकि समापन व पुरस्कार वितरण शूटर पूजा घाटकर,टाटा मोटर्स के साईंबाबा मोटर्स के वितरक विजय राठौड़, एस. बी. पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ.कीर्ति धारवाड़कर ने किया था।
पीसीईटी के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर लांडगे,उपाध्यक्ष पद्मताई भोसले,सचिव विठ्ठल कलभोर,कोषाध्यक्ष शांताराम गराडे,ट्रस्टी और पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल,उद्यमी नरेंद्र लांडगे,अजिंक्य कालभोर,कार्यकारी निदेशक डॉ. गिरीश देसाई के मार्गदर्शन में हुआ। काजल माहेश्वरी, डॉ.प्रतियोगिता का संचालन अमरीश पद्मा, छात्र प्रतिनिधि योगेश अवटे, काव्याश्री पाटिल, शुभम फाटारे, दिव्या वर्पे ने किया। परिचय डॉ. कीर्ति धारवाड़कर ने आभार व्यक्त किया डॉ.काजल माहेश्वरी का मानना था। अंपायरों की जिम्मेदारी राहुल खड़गे,संतोष कुम्भार,मंजूनाथ हिरेमठ,शिवप्रसाद शेट्टी,अभिजीत नायडू,विशाल निकम,भरत कोल्हे ने टूर्नामेंट के दौरान अंपायरों के रूप में जिम्मेदारी निभाई।
खेल प्रतियोगिताएं असफलता का सामना करने का साहस देती हैं- घटकर
खेलों में हमेशा ऐसी स्थिति नहीं होती जहां हम जीतते हैं। कई बार हार का मुंह देखना पड़ता है। यह असफलता का सामना करने का साहस देता है। जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करने पर इसका प्रयोग किया जाता है। इसलिए पूजा घटकर ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि स्कूली जीवन में विभिन्न खेल खेले और सीखे जाने चाहिए।