Maharashtra News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) आखिरकार 102 दिन बाद शिवसेना सांसद संजय राउत मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा हो चुके हैं। उन्हें गोरेगांव वेस्ट की पात्रा चॉल घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ले गिरफ्तार किया था। संजय राउत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था। संजय राउत के भाई सुनील राउत के मुताबिक घर ले जाने के पहले हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। सुनील राउत ने बताया कि संजय राउत की तबीयत ठीक नहीं है। लिहाजा अस्पताल ले जाकर उनका चेकअप करवाया जाएगा। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वो दादर के शिवाजी पार्क दिवंगत बालासाहेब के स्मृतिस्थल पर जाएंगे उसके बाद वो मातोश्री में जाकर उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करेंगे। संजय राउत की जेेल से रिहाई की खबर के बाद दादर स्थित शिवसेना भवन के बाहर पटाखे फोड़े गए और जमकर आतिशबाजी की गई। कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं। जिनमें लिखा गया है कि ’टाइगर इस बैक’। जेेल सेे रिहाई के दौरान राउत के समर्थक भी भारी तादात में मौजूद थे।
इस दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए संजय राउत ने मुख्यमंत्री शिंदे पर गुर्राते हुए कहा कि धोखा,गद्दारी करने वालों के साथ भी जैसा का तैसा ही होगा,समय का इंतजार करिए। फिलहाल मेरी तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इतने दिनों से मैं कह रहा था कि मुझे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। आज इस बात को अदालत ने भी स्वीकार किया है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार हुए संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत मुंबई स्थित गोरेगांव वेस्ट की पात्रा चॉल घोटाला मामले में एक सौ दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए थे। उन्होंने मुंबई की आर्थर रोड जेल में तीन महीने से ज्यादा का वक्त गुजारा है। संजय राउत के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। इस घोटाले में संजय राउत के अलावा प्रवीण राउत भी गिरफ्तार किए गए थे। बुधवार को इन दोनों ही लोगों को विशेष पीएमएलए कोर्ट जमानत दे दी है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने संजय राउत को जमानत देते हुए ईडी के कान खींचे। संजय राउत और प्रवीण राउत को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण राउत को सिर्फ एक दीवानी विवाद में गिरफ्तार किया गया है। संजय राउत को अकारण गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे मामले में म्हाडा की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। ईडी ने भी अपनी शिकायत में इसे स्वीकार किया है। हालांकि इस मामले में म्हाडा के एक भी अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया गया है। ईडी ने केवल कुछ लोगों को गिरफ्तार करने के रवैये को दर्शाता है, कोर्ट ने इन शब्दों में ईडी को फटकार लगाई।