Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) धारावी पुनर्विकास परियोजना का ठेका अडानी को दिए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर बहस हुई। कांग्रेस की विधायक वर्षा गायकवाड ने सदन में सवाल किया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर उद्योगपति गौतम अडानी विवादों में हैं। ऐसे में, धारावी के लोगों को आशंका है कि कहीं अडानी उन्हें लटका न दें। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि टेंडर के नियम और शर्तें पूरी करने के बाद अडानी को परियोजना का काम शुरू करने के लिए जरूरी लैटर ऑफ इनटेंट (एलओआई) इस मामले को लेकर सरकार पूरी तरह से सजग हैं।
कांग्रेस की विधायक वर्षा गायकवाड ने कहा कि जब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर उद्योगपति गौतम अडानी विवादों में आए हैं, तब से लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या धारावी के विकास का काम अडानी कर सकेंगे?
’लोग उठा रहे परेशानी’
लोगों की मांग है कि धारावी पुनर्विकास का कम अडानी को नहीं दिया जाए। लोग कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं। झारखंड में अडानी समूह की ऐसी ही परियोजना शुरू है और वहां के लोग परेशानी उठा रहे हैं। कांग्रेस विधायक सुनील केदार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अडानी समूह को दी गई बिजली परियोजना को योगी सरकार ने रद्द कर दिया है। एनसीपी के विधायक जयंत पाटील ने पूछा कि परियोजना कितने साल में पूरी होगी ?
फडणवीस ने दिया जवाब
जवाब में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि धारावी पुनर्विकास परियोजना की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से आगे बढ़ रही है। ग्लोबल टेंडर निकाले थे। तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई। एक कंपनी पहले ही दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद सबसे अधिक बोली लगाने वाले अडानी समूह को काम दिया गया। सभी आवश्यक अनुमति के लिए कंपनी ने आवेदन किया है।
7 साल में पूरी होनी है परियोजना
सदन में फडणवीस ने आगे कहा कि धारावी पुनर्विकास परियोजना के काम की शुरुआत करने से पहले निविदा के मापदंड के अनुसार अडानी समूह को उसकी आर्थिक पात्रता साबित करनी होगी। बैंक गारंटी देनी होगी। उसके बाद ही उन्हें सहमति पत्र दिया जाएगा। अब केवल नगर विकास विभाग से अनुमति मिलना बाकी है। परियोजना का निर्माण आसान हो गया है, क्योंकि सरकार ने रेलवे की जमीन केंद्र सरकार से 800 करोड़ रुपये में खरीदी है। निविदा के मापदंड पूरा करने पर ही अडानी समूह को वर्क ऑर्डर दिया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि यह परियोजना सात साल में पूरी होगी।