Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर में पुराने ड्रेनेज पाइपलाइन के कारण रुकावट के प्रकार बढ़ रहे हैं,पालिका ने नालियों का सर्वेक्षण किया है। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नालों और प्राकृतिक नालों के पूरे नेटवर्क का सर्वेक्षण किया जा रहा है। चैंबर में कैमरे छोड़कर नाले की जानकारी ली जा रही है। सर्वे के बाद नालों को अपडेट किया जाएगा और इस पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पिंपरी-चिंचवड़ शहर में 2000 किमी लंबे सीवेज लाइन, 53 बड़े प्राकृतिक नाले हैं। सीवेज नाले नगरपालिका युग के दौरान 35 साल पहले के हैं। कुछ क्षेत्रों में नये चैनल बिछाये गये हैं। पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या में वृद्धि के कारण बड़ी मात्रा में सीवेज उत्पन्न होता है। हालाँकि, चूंकि ड्रेनेज पाइपलाइन पुराने हैं, इसलिए रुकावटों के प्रकार लगातार बढ़ रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में,पालिका ने मध्य प्रदेश के इंदौर की तर्ज पर शहर के सभी सीवेज लाइन और नालों का सर्वेक्षण किया है। इसके लिए डीआरए को एजेंसी नियुक्त किया गया है।
शहर को चार हिस्सों में बांटकर सर्वे किया जा रहा है और छह महीने में काम पूरा करने की योजना है। चैंबर के 100 मीटर अंदर ’सीसीटीवी’ कैमरे छोड़कर सर्वे किया जा रहा है। इसे फिल्माया जा रहा है। तो पुराने, क्षतिग्रस्त चैनल समझ में आ जायेंगे। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि गंदा पानी कहां जमा होता है, इसके जमा होने का कारण क्या है और किन क्षेत्रों में अधिक क्षमता वाले लाइन की जरूरत है। सर्वे करने वाली संस्था द्वारा पाइपलाइन और नालों का पूरा प्लान पालिका को सौंपा जाएगा। इसके मुताबिक नगर पालिका सीवेज लाइन और नालों पर काम करेगी।
चैंबर को मिलेगा नंबर
शहर में 2000 किमी लंबे सीवरेज लाइन का जाल बिछा हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में करीब 90 हजार से एक लाख तक चेंबर हैं। सर्वे में इन सभी चैंबरों को नंबर दिए जाएंगे। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी अपग्रेड किया जाना है। सीवेज चैनलों और नालों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे के बाद नालों को अपडेट किया जाएगा। 300 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है और केंद्रीय सब्सिडी भी मिलेगी। ऐसी जानकारी संजय कुलकर्णी, सिविल इंजीनियर, पर्यावरण विभाग ने दी है।