Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे शहर के पुलिस आयुक्त रितेश कुमार ने निर्देश दिया कि स्कूल बस परिवहन एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और छात्रों की सभी प्रकार की सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्कूलों और छात्रों को परिवहन करने वाली स्कूल बसों को स्कूल बस नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
स्कूली विद्यार्थी पुलिस आयुक्तालय में आयोजित यातायात जिला सुरक्षा समिति की बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक, पुलिस उपायुक्त विजय कुमार मगर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अजीत शिंदे, पुणे ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. मितेश घाटे, उपक्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संजीव भोरे, अतुल आडे आदि उपस्थित थे। घर और स्कूल के बीच छात्रों के परिवहन के दौरान दुर्घटनाओं या जीवन,शारीरिक,मानसिक खतरे की अन्य घटनाओं को रोकने के लिए स्कूल बस नियमों का कड़ाई से पालन आवश्यक है। स्कूल बस में एक हेल्पर (अटेंडेंट),लड़कियों को ले जाने वाली स्कूल बस में एक महिला हेल्पर का होना अनिवार्य है। इन बसों के ड्राइवरों को अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ अच्छी तरह से प्रशिक्षित,नैतिक रूप से सक्षम होना चाहिए। इन बातों को स्कूल परिवहन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
रात में यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों की जांच के लिए विशेष अभियान
रितेश कुमार ने यह भी सुझाव दिया कि सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और अन्य स्थानों पर रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं और रात में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग, परिवहन शाखा और परिवहन विभाग को ऑटोरिक्शा, टैक्सियों आदि की जांच के लिए एक संयुक्त विशेष अभियान चलाना चाहिए। साथ ही सभी यात्री।रात्रि के समय नाकाबंदी कर किराया मांगने, चोरी करने, यात्रियों से मारपीट करने व अन्य दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं, इसे ध्यान में रखते हुए रात्रि नाकाबंदी के दौरान सभी वाहनों की गहनता से जांच की जाए। नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने वाले चालकों एवं वाहनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि फैंसी नंबर प्लेट वाले वाहनों की नंबर प्लेट जब्त करने और वाहनों को जब्त करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
कार्णिक ने कहा, सभी संबंधित एजेंसियों को एक बैठक करनी चाहिए और स्कूल परिवहन समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूल बस नियमों के अनुसार काम किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के सुरक्षित परिवहन के लिए आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए। इस समय सभी स्थानीय स्व-सरकारी निकायों, नगर परिषदों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके क्षेत्रों में सरकारी और निजी स्कूलों में स्कूल परिवहन समितियां स्थापित की जाएं। हमें इस विषय पर संवेदनशीलता और जागरूकता पैदा करने के लिए हर तीन महीने में बैठकें आयोजित करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी अप्रिय घटना न हो इसके लिए पहले से ही सतर्क रहना जरूरी है।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शिंदे ने कहा, यह स्कूलों की जिम्मेदारी है कि वे छात्रों को लाने-ले जाने वाली स्कूल बस के लिए स्कूल के साथ एक समझौता ज्ञापन बनाएं। इन वाहनों के पास वैध सक्षमता प्रमाणपत्र होना चाहिए और वाहन के डिज़ाइन को स्कूल बस विनियमों के अनुसार संशोधित किया जाना चाहिए। संबंधित स्थानीय सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यह स्कूल के साथ-साथ स्कूल परिवहन समिति की भी जिम्मेदारी है कि वह यह देखे कि छात्रों को निजी यात्री वाहनों द्वारा परिवहन नहीं किया जाता है जो स्कूल के साथ अनुबंधित नहीं हैं। उन्होंने परिवहन विभाग और पुलिस से भी अपील की कि अगर कहीं भी बिना अनुमति के यातायात किया जा रहा हो तो उसे तुरंत परिवहन विभाग के ध्यान में लाएं।
जिले में 9 हजार 663 हजार स्कूल बसें हैं और 5 हजार 731 स्कूलों ने इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया है। शिक्षा विभाग को शेष सभी विद्यालयों को इस पर निबंधित कराने की पहल करनी चाहिए। स्कूली छात्रों के अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ने जनवरी से 10 जुलाई 2023 के बीच 709 स्कूल बसों और 417 अन्य वाहनों का निरीक्षण किया। इसमें 178 स्कूल बसें और 84 अन्य वाहन दोषी पाए गए और 35 वाहन जब्त कर लिए गए। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में नियमों के उल्लंघन पर 29 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया।