Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर का बहुचर्चित वाकड स्थित एक ट्रक टर्मिनस और पार्किंग के लिए निर्धारित प्लॉट विकसित करने के लिए टीडीआर घोटाला में एक नया मोड़ आ गया है। पालिका आयुक्त शेखर सिंह ने आवंटित टीडीआर स्थगित करने और साइट पर हो रहे कंस्ट्रक्शन काम को रोकने का आदेश दिए है,ऐसी जानकारी आज पत्रकार परिषद में खुद आयुक्त ने दी। इससे पहले पुणे के पालकमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस पर स्थगति के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि इसकी जांच नगरविकास विभाग के सचिव आसीम गुप्ता से की जा रही है। इसमें घोटाला होने की शंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें कि नागपुर के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के नेता मुगंटीवार ने टीडीआर घोटाला पर भारी विरोध करते हुए रद्द करने की मांग की थी। आयुक्त शेखर सिंह बार बार दावा कर रहे थे कि टीडीआर आवंटन,बांधकाम ऑर्डर प्रक्रिया पारदर्शी है। इसमें कोई गडबडी नहीं है। लेकिन आज खुद टीडीआर स्थगति करने और वर्क्स ऑडर कंस्ट्रक्शन काम रोकने का आदेश देने की बात बतायी। आज से साइट पर काम बंद है। सवाल है कि अगर इसमें कुछ गडबडी,घोटाला अथवा अनियमिताएं बरती गई तो फिर दोषी कौन? दोषियों पर कार्रवाई क्या होगी,या फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
यह विवाद वाकड के पास नगर विकास योजना में आरक्षण संख्या 4/38 के आसपास घूमता है,जो विशेष रूप से एक ट्रक टर्मिनस और पार्किंग के लिए निर्धारित है,और 4/38ए पीएमपीएमएल डिपो के लिए है। दोनों आरक्षण कुल 10,274 वर्ग मीटर,कथित कदाचार का केंद्र बिंदु बन गए हैं।
शहर में कई टीडीआर किंग है। छोटा किंग और बड़का किंग। मामला है कि एक टीडीआर किंग अपना टीडीआर इस प्रकरण में सस्ते दाम पर बाजार में बेच डाला,जिससे बड़का किंग को करोडों का नुकसान उठाना पड़ रहा था। बड़का किंग यह नुकसान सहन नहीं कर सका और अपनी सत्ता की ताकत के चाबुक से पालिका प्रशासन पर प्रहार किया। मामला पलट गया और टीडीआर स्थगति तथा कंस्ट्रक्शन रोकने तक की नौबत आ गई। कुछ सफेदपोशों ने बहती गंगा में डूबकी लगाकर बाजू हट गए। कुछ खिचडी जमकर पकाई लेकिन खा न सके। पालिका एक दुधारु गाय है। जिसको जैसा मौका मिलता है दुध पी लेते है। शहर की भोली भाली टैक्स करदाता जनता की गाढी कमाई ऐसी ही लूटी जाती है। यह मामला करोडों का नहीं बल्कि कई अरबों का था।