Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सिंधी भाषा विशेषज्ञ,अनुवादक,कोशकार और पवित्र साहित्य के विद्वान प्रो.लछमन हर्दवानी (उम्र 81) का बुधवार को पुणे में वृद्धावस्था के कारण निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार येरवडा के श्मशान घाट में किया गया।
प्रो हार्डवानी एक लेखक,अनुवादक,कोशकार और भाषाविद् के रूप में प्रसिद्ध थे जिन्होंने सिंधी,मराठी और हिंदी भाषाओं में लिखा था। उन्होंने 90 पुस्तकें प्रकाशित की हैं और सिंधी को एक साहित्यिक शैली के रूप में लोकप्रिय बनाया है।
सिंध प्रांत में जन्मे प्रो.विभाजन के बाद हर्दवानी अपने माता-पिता के साथ पुणे आ गये। पुणे एक कॉलेज में हिन्दी के प्रोफेसर बन गये। उन्होंने अपनी मातृभाषा सिन्धी के साथ-साथ हिन्दी भी सिखाई। प्रो.हार्डवानी ने ज्ञानेश्वरी,दासबोध जैसी मराठी साहित्यिक कृतियों का सिंधी भाषा में अनुवाद किया। वह नगर सिंधी एजुकेशन सोसायटी के प्रबंध सदस्य थे।
प्रो.हर्दवानी ने अब तक सिंधी,मराठी और हिंदी भाषाओं में 90 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उनके अनुसार देवनागरी सिंधी भाषा की मूल लिपि है जो संस्कृत से ली गई है। ब्रिटिश शासन के दौरान इसकी लिपि को कृत्रिम रूप से बदलकर अरबी कर दिया गया। पिछले 40 वर्षों के दौरान हर्दवानी ने अपनी अधिकांश पुस्तकें देवनागरी लिपि में छापी और उन्हें अपने खर्च पर प्रकाशित किया।