Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) अब लावणी नहीं ’डीजे शो’ चल रहा है। लावणी की कोई उचित प्रस्तुति नहीं है। एक पारंपरिक बाज नहीं रखा जाता है। अब लावणी के प्रस्तुतकर्ता सीखने को तैयार नहीं हैं। लावणी साम्राज्ञी सुरेखा पुणेकर ने खेद व्यक्त किया कि जब लावणी परंपरा के लुप्त होने से दुख हो रहा है । यह दिखाने का समय है कि लावणी कैसा है। गौतमी पाटिल पर बोलते हुए उन्होंने अपना पेट भरने की बात कहकर पूरे कपड़ों में लावणी समारोह करने की अपेक्षा व्यक्त की।
विधायक उमा खापरे,पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुलभा उबाले की ओर से चिंचवड के रामकृष्ण मोरे सभागृह में 25 व 26 मार्च 2023 को महालावणी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। सुरेखा पुणेकर इस बात की जानकारी देने पहुंची प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रही थीं।
मैंने आठ साल की उम्र में इस क्षेत्र में प्रवेश किया था। मैं स्कूल नहीं जानती। मैंने लावणी में सहयोग दिया। महिलाएं अपने घर के पुरुषों को नहीं भेजती थी। मैंने विदेशों में लावणी शो किया। लावणी जारी रहना चाहिए। महिलाओं को देखना चाहिए। लावणी ने मुझे बनाया। अब लावणी खराब होने पर मन उदास होता है। जगह-जगह लावणी को खराब किया जा रहा है। लावणी ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया है। लावणी की परंपरा नहीं बची अब क्या हो रहा है। बिना लावणी कहे एक डीजे शो चल रहा है। सुरेखा पुणेकर ने खेद व्यक्त किया कि एक अलग प्रकार की लावणी दर्शकों को परोसी जा रही है। पूरे शरीर के कपड़े पहनकर लावणी का प्रस्तुतीकरण करनी चाहिए। उन्होंने वास्तविक कला सीखने की आशा भी व्यक्त की।