Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) स्वतंत्र भारत के इतिहास में पिछले सत्तर वर्षों से, हमारा सशस्त्र बल दिवस दिल्ली के एक लॉन में मनाया जाता था। सत्तर साल में पहली बार कोई प्रधानमंत्री अपना नौसेना दिवस मनाने सिंधुदुर्ग आए। मध्य युग के पूर्ण गुलामी के इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज एकमात्र छत्रपति थे, जिन्होंने कवच के महत्व को पहचाना। एक ऐसा राज्य जिसके पास नौसैनिक शक्ति है, वह अपने समुद्री तटों को मजबूत करता है और अंततः विश्व के व्यापार के लिए अपने दरवाजे खोलता है। यही सब सोचकर शिवाजी महाराज ने अपना कवच खड़ा कर लिया। इस लिहाज से शिवाजी महाराज आधुनिक भारतीय नौसेना के जनक हैं, ऐसा विचार पिंपरी चिंचवड़ शहर (जिला) भाजपा शहर अध्यक्ष शंकर जगताप ने व्यक्त किया।
6 दिसंबर महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नौसेना की वर्दी पर छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतीक चिह्न लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा को नमन किया गया। बाबासाहेब अम्बेडकर प्रतिमा से छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा एच.ए. कॉलोनी पिंपरी में पैदल रैली निकाली गई। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज को पुष्पांजलि और अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया,इस समय शंकर जगताप बोल रहे थे।
शंकर जगताप ने आगे कहा कि शिवाजी महाराज के कार्यों को मान्यता देते हुए, शिवाजी महाराज के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेते हुए, नौसेना ध्वज पर एक नया आदर्श वाक्य लागू किया गया था। अब हर नौसैनिक की वर्दी पर शिवाजी महाराज की मुद्रा होगी। भारतीय सैनिक अब गुलामी की प्रतीक ब्रिटिश शैली की मुद्रा नहीं रखेंगे। पिछले सत्तर सालों से आज़ाद भारत की नौसेना गुलामी के प्रतीक झंडे को सलामी देती आ रही थी। मोदी सरकार ने एक ऐसा बदलाव किया है जो गुलामी के प्रतीक को नष्ट कर देशवासियों और नौसेना को गौरवान्वित करेगा। मोदी सरकार स्वतंत्र भारत के इतिहास में शिवाजी महाराज को आधुनिक भारतीय नौसेना के जनक के रूप में महिमामंडित करने वाली पहली सरकार है। मोदी जी ने भी इस धरती को प्रणाम किया क्योंकि आधुनिक भारत की नौसेना का निर्माण इसी कोंकण की धरती, इसी महाराष्ट्र की धरती पर हुआ था।
इस अवसर पर विधान परिषद विधायक उमाताई खापरे, पूर्व महापौर उषा उर्फ माई ढोरे, मावल लोकसभा संयोजक सदाशिव खाड़े, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू दुर्गे, महासचिव नामदेव ढाके, संजय मंगोडेकर, अजय पटाडे, शैला मोलक, पिंपरी विधानसभा प्रमुख अमित गोरखे, चिंचवड़ विधानसभा प्रमुख कालूराम बारणे, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुजाता पलांडे, युवा मोर्चा अध्यक्ष तुषार हिंगे, मंडल अध्यक्ष प्रसाद कास्पटे, संतोष निंबालकर, नीलेश अष्टेकर, रवींद्र नंदुरकर, संतोष तपकिर, कविता हिंगे, तेजश्वनी कदम, पूर्व उपमहापौर केशव घोलवे, पूर्व- नगरसेवक राजेंद्र गावड़े, अंबरनाथ कांबले, सागर अंगोलकर, माउली थोरात, पूर्व नगरसेविका शर्मिलाताई बाबर, निर्मला कुटे, आरती चौंधे, उषा मुंढे, अनुराधा गोरखे, शारदा सोनावणे, सविता उघले, अनुसूचित जाति मोर्चा क्षेत्र के महासचिव धनराज बिरदा, उपाध्यक्ष बिभीषण चौधरी, भीमा बोबड़े, वैशाली खाडे, आशा काले, राजश्री रायभाई, अभिजीत बोरसे, शेखर चिंचवड़े, गोपाल मंडल, जयेश चौधरी, सुधीर सालुंखे, संदीप गाडे, प्रसाद कास्पटे, वीणा सोनवलकर, दीपक भंडारी, राजन गुंजल, गणेश ढाकने, प्रीति कामतिकर, विजय शिंकर , राधिका बोर्लीकर, विजय भिसे, सिद्धेश्वर बारणे, सागर फुगे, रवि देशपांडे, सलाहकार दत्ता ज़ुलुक, गणेश वालुंजकर, प्रकाश खेबिकर, महेंद्र बाविस्कर, शाकिर शेख, नेता जी शिंदे, पल्लवी मरकड, मुकेश चुडासमा, कोमल शिंदे, मधुकर बच्चे, बालासाहेब भुम्बे, गोपाल मालेकर, कमल मलकानी, वकील गोरक्षनाथ झोल, अलका मकवाना, प्रतिभा खेबिकर, सोनाली शिम्पी, गोरख पाटिल, देवदत्त लांडे, संजय पार्लिकर आदि उपस्थित थे। उनके साथ सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, पूर्व पार्षद, शक्ति केंद्र प्रमुख, बूथ प्रमुख, योद्धा, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।