Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर की सेवा विकास सहकारी बैंक में 430 करोड़ रुपये के गबन मामले में ईडी ने पहले पुणे के एक शैक्षणिक संस्थान के चालक को गिरफ्तार कर उसकी संपत्ति जब्त की थी, अब 15 जून को ईडी ने सागर मारुति सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया जिससे हड़कंप मच गया है। एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें दस दिन 26 जून तक की हिरासत पर रखने की सजा सुनाई है। इसी घोटाले में राठी महारथी के साथ बिल्डर, शैक्षणिक संस्थान के चालक, पूर्व नगरसेवक शामिल होने से जनता की निगाह इस बात पर टिकी है कि ईडी और किन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
इसी बीच इस घोटाले की वजह से रिजर्व बैंक ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है और सभी लेन-देन ठप हो गए हैं।
एक महीने पहले इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब 450 करोड़ के लोन घोटाले मामले में यह कार्रवाई की। पिंपरी चिंचवड़ में सेवा विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन अमर मूलचंदानी के यहां छापा मारा गया। पिंपरी-चिंचवड के पिंपरी और कालेवाड़ी फाटा इलाके में चार जगहों पर और पुणे के औंध में एक ठिकाने पर छापेमारी की गई।
क्या मामला है?
सेवा विकास सहकारी बैंक के निदेशकों ने 124 फर्जी ऋण प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। इस मामले में करीब 430 करोड़ रुपये अनियमित तरीके से विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों को बांटे गए। ऋण उन व्यक्तियों को दिया गया जो ऋण के लिए पात्र नहीं थे। ऋण देते समय चुकौती क्षमता और अन्य मानदंडों की जांच नहीं की गई। इससे बैंक को भारी नुकसान हुआ। सहकारिता संयुक्त आयुक्त राजेश जाधवर ने 2020 में इन ऋणों का ऑडिट किया था। इसके बाद घोटाला सामने आया। पिंपरी पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था। हलांकि कुछ दिन पहले राज्य के सहकार मंत्री अतुल सावे ने सहकार विभाग को ऑडिट रद्द करके नए सिरे से ऑडिट कराने का निर्देश दिया था। जिसके बाद मूलचंदानी को थोडी राहत मिली। उनका मानना है कि जिस ऑडिट के आधार पर पुलिस में अपराध दर्ज हुआ,अब वह रद्द होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज सारे मामले रद्द हो जाएंगे। फिलहाल उंट करवट किस ओर बैठता है यह अभी देखना बाकी है।