Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा संचालित ससून अस्पताल पुणे ने डॉक्टरों को रोगियों को बाहरी दवाएं लिखने से रोकने के लिए उपाय किए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मरीजों को अपनी दवाएं, सीरिंज या अन्य चिकित्सा सामग्री खुद नहीं खरीदनी पड़े, 255 आवश्यक दवाएं और 480 बार-बार लिखी जाने वाली दवाएं अब अस्पताल में ही उपलब्ध कराई जाएंगी। बीजे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और ससून अस्पताल के डीन ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीज आमतौर पर आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते हैं और उन्हें अपनी दवाओं के लिए भुगतान करने के लिए कहना अस्वीकार्य है। इसलिए अब सभी को मुफ्त दवाएं मिलेंगी।
अस्पताल के डॉक्टर आवश्यक दवाएं खरीदने के लिए मरीजों को अस्पताल के बाहर फार्मेसियों में रेफर करते थे। जिससे कई लोगों को उनके लिए पैसा इकट्ठा करना पड़ा। इसलिए, बीजेजीएमसी और ससून अस्पताल ने अस्पताल में आवश्यक दवाओं का स्टॉक करने की व्यवस्था की है ताकि डॉक्टर बाहर की दवाएं न लिखें। अगर बाहर से दवाइयां मंगवाई जाती हैं तो चिकित्सक व विभागाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ महत्वपूर्ण मामलों में ही नुस्खे की अनुमति होगी। दवा खरीदने आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए अस्पताल की फार्मेसी के पास स्टाफ तैनात किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि इसमें कोई गड़बड़ी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुणे के ससून अस्पताल में इलाज के लिए पुणे जिले और महाराष्ट्र के कई हिस्सों से मरीज आते हैं। बेहतर और सस्ता इलाज। इसलिए, कई नागरिक इलाज के लिए ससून अस्पताल आते हैं। जो नागरिक आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं और आम नागरिक बड़ी संख्या में इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। इन नागरिकों को डॉक्टरों द्वारा बाहरी दवाएं निर्धारित की गईं। इसलिए कई नागरिक इन दवाओं के लिए पैसा खर्च करने में असमर्थ होते है। नतीजतन, नागरिकों और रोगियों को पैसे के लिए भीख माँगनी पड़ी। लिहाजा यह फैसला ससून अस्पताल के डीन ने लिया है।
मरीजों को राहत…
बाहर की दवाओं के नुस्खे के कारण कई नागरिकों को इन दवाओं को लेने के लिए यात्रा करनी पड़ती थी। सभी मरीज और उनके परिजन पुणे के नहीं बल्कि बाहरी शहरों के रहने वाले होते हैं। इसलिए उन्हें शहर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, इसलिए उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ता है। इस फैसले से नागरिकों को राहत मिली है।