Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) संत रविदास महाराज ने सामाजिक भेदभाव, रीति-रिवाजों, परंपराओं और अंधविश्वासों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करके सभी को सामाजिक एकता का संदेश दिया। उन्होंने सम्पूर्ण भारत का भ्रमण कर सामाजिक जागरूकता का कार्य किया। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में कविताएँ लिखीं। उनके भजन दूसरों को प्रेरणा देने का काम करते थे। अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को उनकी विरासत को संजोना चाहिए ताकि उनके व्यापक विचार घर-घर पहुंच सकें।
संत रविदास महाराज की जयंती के अवसर पर, अतिरिक्त आयुक्त जगताप ने पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के मुख्य प्रशासनिक भवन में उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। वह उस समय बोल रहे थे। इस अवसर पर पूर्व नगरसेवक तानाजी खाड़े, भीमा बोबडे, राजू बनसोडे, विशेष अधिकारी किरण गायकवाड, सार्वजनिक संपर्क अधिकारी प्रफुल्ल पुराणिक, उप अभियंता अभिमान भोसले, सामाजिक कार्यकर्ता बाबा कांबले, ज्ञानेश्वर कांबले, प्रह्लाद कांबले, तेजस्विनी कदम, सुदाम कांबले, सचिन लाड, नाना राऊत, कोमल शिंदे, रामेश्वर पकारे, मारुति वाघमारे, अतुल कदम, शंकर निकम, किशोर सालुंके, प्रा.नितिन साली,बाबासाहेब पोल, राजहंस पचंगे, सुनील कदम, नंदकुमार कांबले, सविता सोनवणे, वंदना वाघमारे, संतोष वाघमारे, दत्तात्रेय कांबले और बड़ी संख्या में पालिका कर्मचारी और नागरिक उपस्थित थे।
संत रविदास महाराज को संत रोहिदास महाराज के नाम से भी जाना जाता है। उनके कई दोहे प्रसिद्ध हैं जिनमें ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ भी शामिल है। उन्हें उनके महत्वपूर्ण सामाजिक जागरूकता कार्यों के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है जो उन्होंने आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित पूरे भारत में किया है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज हित के लिए प्रेरित कार्य और सदाचार व्यक्ति को महान बनाने में सहायक होते हैं, संत रविदास महाराज की जीवन शैली यह सिद्ध करती है। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी प्रफुल्ल पुराणिक ने किया।