Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) एक पुरानी कहावत है जो आज भी परिचालन में चरितार्थ है...कान कौआ ले गया..जी हां! एक खबर योजनाबद्ध तरीके से फैलायी जाती है और बिना कोई सच्चाई जाने अथवा सत्य की सतह तक पहुंचे लोग कौआ बनकर कौए के पीछे भागने लगते है।
मावल लोकसभा क्षेत्र में महायुति के संयुक्त उम्मीदवार श्रीरंग बारणे की तथा कथित टीम द्धारा यह खबर फैलाई गई कि श्रीरंग बारणे चुनाव हार रहे हैं,सहयोगी दल काम नहीं कर रहे। इसकी निगरानी के लिए भाजपा की ओर से दिल्ली से एक छह सदस्यीय टीम दल को मावल लोकसभा क्षेत्र में भेजा गया है। यह टीम सभी सहयोेगी पार्टियों के पदाधिकारियों के कामकाज पर पैनी नजर रखकर एक रिपोर्ट तैयार करेगा और 10 मई के बाद वापस दिल्ली लौटकर भाजपा आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। ऐसी खबर कल पूरे दिन कई नामचीन मीडिया में सुर्खियाेंं में छायी रही। पूरे दिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की थी कि आखिर छह सदस्यीय दल में कौन कौन है? कहां ठहरे हैं,किससे मिल रहे? शहर के भाजपाई भी हैरान,परेशान।
केंद्रीय दल का आना मतलब भाजपा समेत सहयोगी दलों को आरोपी के कटघरे में खड़ा करने जैसा है। मावल में श्रीरंग बारणे का अगर भाजपा और अन्य सहयोगी दल काम नहीं कर रहे तो काम कर कौन रहा है? सबसे बड़ा सवाल खड़ा हुआ। एकनाथ शिंदे शिवसेना की पिंपरी चिंचवड शहर में कोई मजबुत संगठन नहीं है। आज अगर 10 लोगों में सर्वे किया जाए तो शायद कोई एक बता सके कि शिवसेना शिंदे गुट का शहर अध्यक्ष कौन है?
केंद्र से कोई दल आता तो शहर अध्यक्ष के नाते पहले मुझसे मिलता-शंकर जगताप
मीडिया ने जब सीधे उम्मीदवार श्रीरंग बारणे से यह सवाल किया कि केंद्र से भाजपा ने छह सदस्यीय दल निगरानी के लिए शहर में भेजा है,तो बारणे ने कहा कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब यही सवाल शहर भाजपा अध्यक्ष शंकर जगताप से पूछा गया तो उन्होंने भी इंकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई केंद्र से भेजा गया है,उनकी जानकारी में नहीं है। केंद्रीय भाजपा आलाकमान अगर कोई दल शहर में भेजेगा तो वो सबसे पहले शहर अध्यक्ष होने के नाते मुझसे मिलेगा। राज गहराता गया,लोग हैरान,परेशान होते गए कि आखिर मामला क्या है?
क्या सहयोगी दलों के स्थानीय नेताओं को डराया गया?
आज जो बातें छनकर आयी वह यह कि यह खबर सुनियोजित तरीके से प्लांट करवायी गई,फैलाई गई ताकि सहयोगी दल डर,भय के काम करना शुरु कर दें। जो घरों में बैठे हैं वो चौक चौराहों,घरों घरों में संपर्क करें। सहयोगी दलों को बहुत ही चतुराई के साथ अप्रत्यक्ष रुप से डराया,धमकाया गया। क्या यह मान लें कि केंद्रीय भाजपा के इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में मावल की सीट हाथ से निकल रही है? इस झूठी खबर से भाजपा और सहयोगी दलों में नाराजगी की भावना दिखने लगी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस अजित पवार गुट के एक नेता नाम का उजागर न करने की शर्त पर कहा कि अगर ऐसा लगता है कि हम काम नहीं कर रहे हैं,शक की निगाहों से देखेंगे तो फिर हम भी किसी की गुलामी करने के लिए अनुबंध नहीं किया है। फिर तो…ले लो अपनी लटूक कमरिया,बहुतय नाच नचायो…कहना पडेगा। एक अन्य सहयोगी पार्टी के नेता ने कहा कि हमको आरोपी के कटघरे में खड़ा करने से केवल नुकसान होगा। सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच गलत मैसेज जा चुका है।