Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) मनसे के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे को अपने कार्यक्रम में बुलाना मतलब आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ करना। राज ठाकरे एक निर्भिक, प्रवक्ता,नेता है। उनको जो अच्छा लगता है वो बिंदास बोल बोलते है। आज पिंपरी चिंचवड एडिटर्स गिल्ड द्धारा आयोजित पत्रकार हल्ला विरोधी कायदा परिषद कार्यक्रम में राज ठाकरे ने जमकर पत्रकारों पर हमला बोला। पत्रकारों पर हो रहे हमले पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़कने का काम किया। राज्य के संपादकों,पत्रकारों को पत्रकारिता कैसी करनी चाहिए ? इसका पाठ पढ़ाने लगे। पत्रकार अगर किसी नेता के बारे में कुछ गलत दिखाता है तो नेता उस पत्रकार के कान के नीचे बजा दे तो पत्रकार पर हमला कहेंगे? विभिन्न चैनलों,बडे अखबारों के संपादकों ने राज ठाकरे की बात सुनकर दंग रह गए। असहज महसुस करते हुए अगली बगली झांकने लगे। पत्रकार इस मंशा से कार्यक्रम में बुलाया कि पत्रकारों पर हो रहे हमले की लड़ाई में राज ठाकरे पत्रकारों का शासन-प्रशासन स्तर पर नेतृत्व करेंगे। लेकिन हो गया उल्टा। पत्रकारों के कार्यक्रम में पत्रकारों को जली कटी बातें सुनाकर राज ठाकरे चलते बने। जाते जाते कहा कि मेरे शब्दों पर ध्यान मत दो,केवल मेरी भावना को समझो। अब सवाल है कि पत्रकारों की भावना का क्या ? जो आयोजकों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
राज ठाकरे ने कहा कि पत्रकार पत्रकारिता छोडकर मंत्रियों के यहां नौकरी करने लगे हैं। पूछने पर गर्व से कहते हैं आमुक मंत्री के साथ काम कर रहा हूँ। पत्रकारों को न्यूज नहीं मिलती,इसलिए राज ठाकरे के बंगले के सामने पूरा दिन कैमरा लेकर खडे रहते है। बंगले से निकलते ही ब्रेकिंग न्यूज चलाते हैं कि राज ठाकरे बंगले से निकले…हाथ दिखा,पैर दिखा…और क्या देखना चाहते हो..ऐसे व्यंग शैली में पत्रकारों का मजाक उड़ाया।
राज ठाकरे ने आगे कहा कि पत्रकार बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैं। पत्रकारों ने मंत्रियों के साथ काम करना शुरू कर दिया है। पहले यह गुपचुप तरीके से किया जाता था। अब खुलकर काम कर रहे हैं। ये लेबल वाले पत्रकार सम्मेलन में आते हैं और हमसे सवाल पूछते हैं कि ब्लूप्रिंट का क्या हुआ? आपकी सभा में भीड़ तो जुटती है लेकिन वोट नहीं मिलता। 13 विधायक के आंकडे तक पहुंची मनसे शुन्य पर है। ऐसा लगता है कि पत्रकार सवाल नहीं रतनखत्री के मटका का आंकडा बता रहे हो। कुल मिलाकर राज ठाकरे ने पत्रकार पर हमला कार्यक्रम में खुद पत्रकारों पर हमला बोले।
कुछ वर्षों पर चिंचवड विधानसभा चुनाव में तात्कालीन निर्दल प्रत्याशी लक्ष्मण जगताप के पक्ष में चुनावी प्रचार कार्यक्रम में पधारे राज ठाकरे ने अवैध बांधकाम के बारे में कहा कि अवैध बांधकाम करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जो अवैध बांधकाम हैं उनको गिराया जाना चाहिए। मतदाताओं ने जगताप को चुनाव हरा दिया। क्योंकि राज ठाकरे ने जनता के विरुद्ध बयानबाजी करके जगताप के अरमानों पर पानी फेर कर चले गए थे। राज ठाकरे जिनके कार्यक्रम में जाते हैं उनकी भैंस पानी में डालने का काम करते है। आज पत्रकारों के कार्यक्रम में यही किया। कुल मिलाकर राज ठाकरे ने पत्रकारों की इज्जत निकाली,पत्रकारों के विरुद्ध जमकर बैटिंग की। कार्यक्रम में उपस्थित मनसे के कार्यकर्ता अपने नेता की बैटिंग को देखकर जमकर तालियां बजायी लेकिन कार्यक्रम के आयोजक और व्यासपीठ पर बैठे सत्कारमूर्ति संपादक जो थोडी देर पहले पत्रकारों का मार्गदर्शन कर रहे थे वे बगली झांक रहे थे।
सत्कारमूर्ति संपादकों के नाम इस प्रकार:
1) पराग करंदीकर(संपादक-दै.महाराष्ट्र टाईम्स,मुंबई) 2)कमलेश सुतार(संपादक-लोकशाही मराठी,मुंबई)3) राहुल कुलकर्णी(एबीपी माझा) 4) अद्धैत मेहता(ज्येष्ठ पत्रकार) 5)अनिल मस्के(संपादक-दै.पुण्यनगरी)अमित मोडक(पत्रकार-डीजिटल मीडिया) 6)संदीप महाजन(पत्रकार) 7)अविनाश खंदारे(दै.लोकमत,युवतमाल) 8)अश्विनी सातव-डोके(असो.एडिटर-न्यूजस्टेट महाराष्ट्र) 9) नीतिन पाटिल(संपादक-पोलिसनामा,पुणे) 10) आशिष देशमुख(दै.पुढारी,पुणे) 11) महेश तिवारी(न्यूज18 लोकमत,गडचिरोली) 12) गोविंद वाकडे(न्यूज 18 लोकमत,पिंपरी चिंचवड)