Pune News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे रेलवे कालोनियों पर सालों से खूंखार गुंड़ों ने कब्जा जमा रखा था। रेलवे के क्वार्टर से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते थे। ताजुब इस बात की है कि इससे रेलवे प्रशासन,डीआरएम इंदु दुबे ,आरपीएफ विभाग बेखबर थे। स्थानीय लोग इन गुड़ों से तंग आकर सिटी पुलिस को शिकायत की। सिटी पुलिस तत्काल हरकत में आयी और पुणे रेल प्रशासन से अनुमति लेकर रेलवे कालोनियों में घुसकर आज बडे पैमाने पर कार्रवाई की। यह कार्रवाई ताडीवाला रोड परिसर में बनी रेलवे कालोनियों की इमारतों में की गई। बंडगार्डन पुलिस स्टेशन के पुलिस निरिक्षक(गुन्हे) अश्विनी सातपुते ने 21 अगस्त को पुलिस अधिक्षक,रेलवे सुरक्षा दल को एक पत्र लिखकर अवगत कराया था कि रेलवे कालोनियों के मकानों पर गुंडों ने कब्जा कर रखा है। किराया देकर रहते है। परिसर में दहशत का फैला रहे हैं। स्थानीय नागरिकों की शिकायतें आ रही है। तत्काल कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाएं। इसके जवाब में पुलिस अधिक्षक,रेलवे सुरक्षा दल ने एक लाइन का जवाब देते हैं कि संयुक्त कार्रवाई में मदद करेंगे।
रेलवे कर्मचारियों की मिलिभगत से कालोनियों में गुमों का कब्जा
बंडगार्डन पुलिस ने बडी कार्रवाई करते हुए दबीश दी। इस दौरान कई रेलवे के क्वार्टर में बाहरी लोगों का अवैध कब्जा देखने को मिला। साहित्य,सामान जब्त किया गया। जिसमें ड्रम,खाट,कपडे,बर्तन आदि सामग्री शामिल है। पुलिस टेम्पो में लादकर ले गई। कार्रवाई टीम में बंडगार्डन के एपीआई अभिजित जाधव भी शामिल थे। मकानों पर कब्जा करने वालों ने बताया कि वे किसी को किराया नहीं देते थे,खुद ही कब्जा करके रह रहे थे। जबकि सच्चाई यह है कि बिना रेलवे के कर्मचारियों की मिलिभगत के बिना यह संभव नहीं। रेलवे कालोनियां भले ही पीडब्लूडीआई के आधीन कार्यरत रहती है। लेकिन रेलवे की हर संपत्ति की रक्षा सुरक्षा करना पुणे आरपीएफकी जवाबदेही का एक हिस्सा है। लेकिन कुंभकर्ण की नींद में सो रही रेल प्रशासन का काम बंडगार्डन पुलिस स्टेशन सिटी पुलिस ने किया।
पुणे रेलवे को फुलटाइम स्वतंत्र जनसंपर्क अधिकारी की जरुरत
पुणे रेलवे के प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी डीसीएम डॉ.रामदास भिसे ने मानो भीष्मपितामह की प्रतिज्ञा ले रखी है कि पत्रकारों का फोन नहीं उठाना। आज भी हमारे प्रतिनिधि ने इस रेल कालोनियों में हो रही कार्रवाई के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए फोन किया मगर भिसे ने फोन न उठाकर अपनी परंपरा को कायम रखा। वे केवल अपनी मनपसंद गिने चुने पत्रकारों का ही फोन उठाते है। पुणे रेलवे जनसंपर्क अधिकारी पद के लिए किसी स्वतंत्र अधिकारी की नियुक्ति होना अत्यावश्यक है। रेलवे की बहुत सारी महत्वपूर्ण खबरों को पाने से पत्रकार वंचित रह जाते है। मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नरेश लालवानी कृपया संज्ञान ले और डीसीएम डॉ.रामदास भिसे से पीआरओ का अस्थायी पद छीनकर किसी कार्यक्षम जनसंपर्क अधिकारी के हाथ में कमान सौंपे।