Pune पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड में नदी बेसिन में जलकुंभी,हजारों मरी हुई मछलियां,सीवेज को बिना किसी प्रक्रिया के सीधे नदी किनारा में बहा दिया जाता है,जिससे नदी को बहुत नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके मनपा इस पर सख्त कदम उठाने की बजाय आसानी से नजरंदाज कर रहा है।
पिंपरी नगर पालिका पर्यावरण कार्यों के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। फिर भी पर्यावरण संबंधी चिंताएँ बनी हुई हैं, और अभी तक जन जागरूकता कागजों पर ही बनी हुई है। नगर में वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण,ठोस कचरा प्रबंधन जैसे सभी मामलों में नगर पालिका उदासीन है। अनियोजित और भ्रष्ट शासन ने पर्यावरण को लगातार बाधित किया है। नदियों की स्थिति गटर जैसी है। सीवेज को बिना किसी प्रक्रिया के सीधे नदी बेसिन में बहा दिया जाता है। कई फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी रात के अंधेरे में नदी में बहाया जाता है,इसकी तेज गंध क्षेत्र में महसूस होती है। साफ-सफाई का काम नहीं किया जा रहा है। दरअसल नगर पालिका को लूटने के लिए कागज के घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। जलकुंभी सभी नदियों में बिखरी हुई है। जलकुंभी हटाने का काम कुछ ठेकेदारों की सुविधा के मुताबिक कराया जाता है। इसमें सभी पार्टी नेताओं के आर्थिक हित शामिल हैं।
नदी किनारा को पाटने का काम कई वर्षों से चल रहा है। दापोडी,पिंपले गुरव,कसारवाड़ी से रावेत तक ईट,पत्थर के वांधकाम वेस्ट मटेरियल नदी में डाला जाता है। विशेषज्ञों को डर है कि नदी किनारा संर्कीण होकर बाढ़ का रुप ले सकता है। और भविष्य में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। पर्यावरण विभाग ने समय-समय पर चेतावनी दी है कि नदी को पाटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी हर बार चेतावनी दी गई, वास्तव में उनमें से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हर साल पर्यावरण दिवस के अवसर पर पालिका द्वारा 4 व 5 जून को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अब तक का अनुभव यह रहा है कि पर्यावरण समारोह समाप्त होने के बाद पर्यावरण की बुनियादी समस्याओं को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है।