Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे पालिका क्षेत्र में 23 गांवों को शामिल करने के बाद पालिका ने ग्राम पंचायत कार्यालय कब्जे में लेकर वास्तविक कार्य शुरू किया। हालांकि क्या नगर पालिका नागरिक समस्याओं से भरे गांव में पेयजल की समस्या का समाधान करेगी? यह प्रश्न मौजूद है। गांवों को शामिल करने के बाद पालिका द्वारा टैक्स लगाया जाएगा,तो क्या पालिका सेवाएं प्रदान करेगा? ऐसा सवाल नागरिकों से पूछा जा रहा है।
शामिल गांवों में कई जगहों पर सोसायटियों को टैंकर के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है क्योंकि ग्राम पंचायतों के लिए कोई ठोस जलापूर्ति योजना नहीं है। इसलिए पहले से ही फलफूल रहा टैंकर कारोबार रफ्तार पकड़ने वाला है। तस्वीर यह है कि टैक्स देने के अलावा कवर किए गए गांवों के नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भुगतान करना होगा। कहा गया कि नगर पालिका की ओर से गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं की जा सकी क्योंकि अब तक इसमें शामिल नहीं किया गया था। हालांकि, अब टैंकर से पानी की सप्लाई होगी और खर्चा नगर पालिका उठाएगी? ऐसा प्रश्न उपस्थित है। भविष्य में पालिका की प्रवृत्ति शामिल गांवों में पालिका जैसी जल योजनाओं को लागू करने की है। लेकिन इसमें लंबा समय लगेगा।
शामिल गांवों में कई जगह पीने के पानी की समस्या है। वर्तमान में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण योजना 23 में से मंजरी,वाघोली और कोंढवे-धवाडे गांवों में काम कर रही है। साथ ही हालांकि 8 से 10 गांवों में कुओं से पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है, लेकिन यह कम आपूर्ति में है। कई जगहों पर ग्राम पंचायतों के पास कोई सुविधा नहीं है और उन्हें टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए नागरिकों को उम्मीद है कि नगर पालिका में शामिल होने के बाद इस मुद्दे को हल किया जाएगा। भले ही तुरंत पानी उपलब्ध कराना मुश्किल हो,लेकिन पुणे मनपा के पास ग्राम पंचायत की तुलना में अधिक कुशल प्रणाली है।