Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे शिक्षक भर्ती घोटाला में ईडी ने पुणे जिले के एक शैक्षणिक संस्थान में शिक्षक भर्ती घोटाले का संज्ञान लिया है। फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पुणे जिला परिषद के विस्तार अधिकारी किसन भुजबल को ’ईडी’ ने जांच के लिए तलब किया है। 2 अगस्त को शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्त व्यक्तियों सहित अन्य मामलों की जांच की जाएगी।
शिक्षक भर्ती में दो करोड़ रुपये के घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। पुणे जिले के आकुर्डी स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में कुछ साल पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की जाती थी। जांच में सामने आया कि यह भर्ती कुछ शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से की गई है। इसमें 23 शिक्षकों की भर्ती फर्जी पाई गई। इस मामले में 19 अक्टूबर 2019 को बंडगार्डन थाने में मामला दर्ज किया गया था।
2 मई 2012 को सरकारी सहायता प्राप्त(अनुदानित) स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगायी गई। क्योंकि उस भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, कुछ लोगों ने बताया कि भर्ती पहले ही हो चुकी थी। इसने 2013-14, 2014-15, 2015-16 में झूठे आदेश दिए, जिसमें दिखाया गया कि वह नियोजित था और आगे अनुदानित वाले को स्थानांतरित कर दिया गया और उसका अनुदानित वाला वेतन निकाला गया। जिला परिषद किसा भुजबल के विस्तार अधिकारी ने कहा कि यह पहला प्रकार है।
कुछ शिक्षकों ने आगे बताया कि 2017 में उनकी सुरक्षा के लिए पवित्र पोर्टल के कारण कुछ गलत भर्ती हुई थी और सभी शिक्षक वर्तमान वेतन ले रहे हैं। साथ ही उनका तबादला भी कर दिया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षक 2010 से काम पर नहीं हैं। हमने उनकी जांच के आदेश दे दिए हैं और इस संबंध में रिपोर्ट सौंप दी है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है।वित्तीय अपराध शाखा पुणे शहर इस संबंध में जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी मामलों में फर्जी शिक्षकों की संख्या बहुत ज्यादा है। ईडी ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी को जानकारी मिलने के बाद साफ हो जाएगा कि यह कितना बड़ा घोटाला है।