Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) शिक्षित और प्रतिभाशाली युवाओं के लिए राजनीति एक विकल्प है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि जब तक शिक्षित युवा राजनीति में नहीं आएंगे, तब तक राजनीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। गोयल भारती विश्वविद्यालय अभिमत विश्वविद्यालय के 23वें स्नातक समारोह में बोल रहे थे। एनएसी के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.भूषण पटवर्धन,चांसलर डॉ.शिवाजीराव कदम,कुलपति डॉ.माणिकराव सालुंखे,कुलपति और कृषि और सहकारिता राज्य मंत्री डॉ.विश्वजीत कदम,परीक्षा नियंत्रक एंथनी रोज,रजिस्ट्रार जी.इस समय जयकुमार आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 8 हजार 184 स्नातकों को डिग्री प्रदान की गई। 70 छात्रों को पीएच.डी.वहीं 46 छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं की क्षमता का अध्ययन करने के बाद ही स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरू कीं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा में लचीलेपन की ओर ले जा रही है। युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए और अवधारणाओं को उद्योग में बदलना चाहिए। हालांकि कोरोना संकट के रूप में आया है, लेकिन इसने कई अवसर पैदा किए हैं। आजकल दुनिया में हर क्षेत्र में कई अवसर उपलब्ध हैं। इसलिए युवाओं को पारंपरिक भूमिका निभाने के बजाय नवाचारों के माध्यम से चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
’अतिरिक्त नियंत्रण’ यह ब्रिटिश मानसिकता
पश्चिम की तरह हमारी भी पश्चिमी मानसिकता है। लेकिन पाश्चात्य और आधुनिक में अंतर है। हमारे पास विश्वविद्यालयों पर नियामक निकायों का अतिरिक्त नियंत्रण है। नियामकों को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्रशासन में विश्वास दिखाना चाहिए। कदाचार के मामले में कार्रवाई की जानी चाहिए। अतिरिक्त नियम ब्रिटिश मानसिकता है। छात्रों को शारीरिक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है ऐसा डॉ.पटवर्धन ने कहा।