Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) अगर आप टॉमी या लुसी(कुत्ते-बिल्ली) के साथ ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं,तो आपको ट्रेन के इन नियमों को जानना होगा,नहीं तो यात्रा में मुश्किलें आ सकती हैं। यात्री डिब्बों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए रेलवे ने कुछ नियम बनाए हैं।
बिल्लियों,बकरियों और अन्य घरेलू जानवरों की तुलना में पुणे में ट्रेन से आने वाले कुत्तों की संख्या अधिक है। चूंकि रेल यात्रा सुरक्षित और अपेक्षाकृत सस्ती है, कुत्ते के मालिक अक्सर कुत्तों या बिल्लियों को अपने साथ ले जाते हैं। हालांकि इसके लिए वे नियमित रूप से रेलवे प्रशासन से उसकी अनुमति लेकर शुल्क देकर यात्रा करते हैं। यदि ये जानवर बड़े हैं तो उन्हें गार्ड के पास ब्रेक एसएलआर डिब्बे में कुत्ते के डिब्बे में रखकर यात्रा करनी पड़ती है। लेकिन उसके लिए कुछ नियम हैं।
कुत्ते की यात्रा की दर अधिक है
पुणे में देश के अलग-अलग हिस्सों से कुत्तों के छोटे-बड़े पिल्ले ट्रेन से पहुंचते हैं। हर दिन कम से कम एक पिल्ला ट्रेन से आता है। इसलिए बड़ी संख्या में बकरियां और भेड़ें पुणे से भेजी जाती हैं। बकरी ईद के दौरान यह संख्या अधिक होती है। कार्यवाही पार्सल कार्यालय द्धारा होती हुई।
घोड़ों के लिए बॉक्स साइडिंग
1930-40 के बीच पुणे स्टेशनों से बड़ी संख्या में घोड़ों को ले जाया जा रहा था। वर्तमान पार्सल के बगल में वीआईपी साइडिंग के बगल में साइडिंग पर घोड़ों को ले जाने वाली एक विशेष ट्रेन। जिस साइडिंग पर हॉर्स ट्रेन रुकती है उसे आज भी एचबी1 बॉक्स साइडिंग के नाम से जाना जाता है। घोड़ों को अब वीपी यानी पार्सल वैन से घोड़े के परिवहन के लिए भेजा जाता है। इसके लिए एक विशेष बॉक्स है। इसमें 4 दरवाजे हैं।
ये हैं नियम
डॉक्टर का प्रमाण पत्र
साथ जाने वाले यात्री को अपने टिकट की पुष्टि करनी होगी
प्रासंगिक यात्री टिकट प्रथम श्रेणी के वातानुकूलित डिब्बों में होने चाहिए
आवेदन यात्रा से एक दिन पहले पार्सल कार्यालय में जमा किया जाना चाहिए
सामान की तरह प्रति किलोमीटर शुल्क लिया जाता है
अगर कुत्ता बड़ा है या बकरी या बकरी जैसे जानवरों को ले जाना चाहता है,तो उनके लिए गार्ड ब्रेक बॉक्स में एक अलग पिंजरा है।
मालिक इस जानवर की देखभाल के लिए जिम्मेदार है। मालिक को अपने खाने-पीने का ध्यान रखना पड़ता है
यात्री डिब्बों में जानवर सीधे यात्रा नहीं कर सकते। रेलवे की आवश्यक अनुमति के साथ ही यात्रा करें। यह महत्वपूर्ण है कि जानवर यात्री के जीवन के लिए खतरा पैदा न करें।
– मनोज जंवर,जनसंपर्क अधिकारी,रेल विभाग, पुणे