Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में किडनी तस्करी के मामले के बाद एक ऐसी स्थिति बन गई है, जहां अंग प्रत्यारोपण पर विराम लग रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय ने अप्रैल के बाद से प्रत्यारोपण के लिए एक भी मामला दर्ज नहीं किया है। पुणे में किडनी तस्करी मामले के बाद डॉक्टरों को कार्रवाई की आशंका इसलिए देखा गया है कि प्रदेश के अस्पताल ट्रांसप्लांट के मामले लेने से परहेज कर रहे हैं। किडनी,हृदय,आंत और फेफड़े के प्रत्यारोपण की सर्जरी प्रभावित हुई है।
डॉक्टरों के खिलाफ अनुचित गंभीर कार्रवाई के कारण सर्जरी रोक दी गई है। जीवन रक्षक सर्जरी का इंतजार कर रहे कई मरीजों की जान चली गई है। समाज के साथ स्वास्थ्य अन्याय हो रहा है। इस तरह की हरकतों ने सभी डॉक्टरों और अस्पतालों को दुविधा में डाल दिया है कि वे इस तरह की सर्जरी करना क्यों बंद करें। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (पुणे) ने मामले में डॉक्टरों के खिलाफ चार्जशीट को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
कुछ दिन पहले पुणे के प्रसिद्ध रूबी हॉल क्लिनिक में एक प्रकार की किडनी तस्करी का खुलासा हुआ था। सारिका सुतार नाम की महिला का 15 लाख रुपये की पेशकश के बाद किडनी प्रत्यारोपण का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद महिला को पैसे देने से मना कर दिया गया। इसके बाद महिला ने पुणे के कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। रूबी हॉल क्लिनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ परवेज ग्रांट सहित पंद्रह लोगों पर मामले के सिलसिले में आरोप लगाए गए हैं।