Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) जी-20 विश्व सम्मेलन की अध्यक्षता करना भारत के लिए सम्मान की बात है। साथ ही यह तथ्य कि यह सम्मेलन पुणे में हो रहा है, पुणे के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर दुनिया भर के गणमान्य व्यक्ति पुणे आएंगे और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उनके स्वागत के लिए शहर को भी सजाया गया है।
लेकिन यह सौंदर्यीकरण मेकअप लगाकर चेहरे के दाग-धब्बों को अस्थायी रूप से छिपाने जैसा है। क्योंकि एक रात में जिस तरह से पुणे का सौंदर्यीकरण किया गया था,उसे देखकर सुबह पुणे के लोगों की आंखें आश्चर्य से चौड़ी हो गईं। 26 जनवरी को तिरंगे की रोशनी,जो कुछ खास जगहों पर ही जरूरी थी, अचानक हर गली के बिजली के खंभे पर नजर आने लगी। पुणे वासियों के लिए यह एक सुखद सदमा था। लेकिन इसके साथ कुछ सवाल भी आए।
क्या इस साज-सज्जा के लिए पुणे के लोगों को जी-20 जैसे समारोह का इंतजार करना पड़ेगा?
क्या अस्थायी साज-सज्जा के बाद पुणे फिर से पहले जैसा हो जाएगा?
क्या बाद में इसका ख्याल रखा जाएगा?
इस सौंदर्यीकरण में कुछ बुनियादी सौंदर्य संबंधी बातों का ध्यान क्यों नहीं रखा गया?
जाहिर सी बात है कि पुणे में किया गया यह सौंदर्यीकरण एक घोटाला है। इसके ठोस उदाहरण
सड़क निर्माण,मेट्रो कार्यों के कारण लगने वाले जाम को दूर करने के बजाय अस्थायी रूप से हरे कपड़े या चादर से ढक दिया गया है।
बालभारती की पुस्तक मूर्तिकला जो जानबूझकर काले पत्थरों में बनाई गई थी। सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना किसी बाधा के मूर्तिकला को जल्दबाजी में तेजतर्रार रंगों से रंग दिया गया है। सेनापति बापट रोड,विद्यापीठ रोड जैसी प्रमुख सड़कों पर चाइनीज बैलून लाइटें लगाई गई हैं। यहां एक नया होटल,ढाबा शुरू हो गया है? संदेह है। फिर अगला सवाल आता है कि विदेशी गणमान्य व्यक्ति भारत आए या चीन?
सेनापति बापट स्ट्रीट पर फुटपाथों को लाल रंग से रंगने की सौंदर्य दृष्टि किसके पास है, यह देखकर आश्चर्य होता है। लेकिन इससे पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर यह सौंदर्यीकरण किसी खास चीज के लिए किया जा रहा है तो वहां तुरंत नक्काशी कैसे की जाती है? क्या सिस्टम एक दूसरे के साथ संवाद नहीं कर रहे हैं? सड़क किनारे लगे हर बिजली के खंभे पर तिरंगे की रोशनी खूबसूरत लगती है। लेकिन जिस पोल के लिए सफेद रोशनी खत्म हो गई थी, उसके लिए नीली रोशनी की माला का इस्तेमाल किया गया था। यहां तक कि यह मामूली सा बदलाव भी पुणेवासियों की पैनी नजर से नहीं बचा है।