Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) मोशी में 700 टन क्षमता वाली अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजना प्रतिदिन 12 मेगावाट बिजली पैदा कर रही है। यह परियोजना अगले कुछ दिनों में पूरी क्षमता से चालू हो जाएगी। इससे 14 मेगावाट बिजली पैदा होगी। आयुक्त शेखर सिंह ने दावा किया कि इस परियोजना के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निपटान, पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करने का उद्देश्य पूरा किया जा रहा है और इस परियोजना से पालिका के खर्चों में भी बचत हो रही है।
पिंपरी-चिंचवड़ शहर में उत्पन्न लगभग 1,150 मीट्रिक टन कचरे को मोशी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना में संसाधित किया जाता है। इस परियोजना का लक्ष्य 700 मीट्रिक टन कचरे से 14 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है। यह परियोजना डीबीओटी सिद्धांत पर सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत विकसित की गई है और 21 वर्षों की अवधि के लिए उनके माध्यम से चलाई जाएगी। इसमें कार्बन उत्सर्जन निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रोजेक्ट से हर साल करीब 7 लाख टन कार्बन उत्सर्जन रोका जा सकेगा।
अपशिष्ट-से-बिजली संयंत्र चलाने के लिए लगभग 2 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है। शेष बिजली का उपयोग पालिका के जल उपचार और सीवेज उपचार संयंत्रों के लिए किया जा रहा है। पीने के पानी की भी बचत हो रही है क्योंकि कचरे से बिजली बनाने की परियोजना के लिए चिखली में सीवेज उपचार संयंत्र में पांच एमएलडी उपचारित पानी का उपयोग किया जा रहा है। विद्युत उत्पादन परियोजना की सहायता से 17 अक्टूबर तक कुल 22.88 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने 6 अक्टूबर को इस परियोजना को मंजूरी का प्रमाण पत्र भी दे दिया है।
इस परियोजना के आधार पर कचरे का न केवल वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाता है। तो इससे पालिका के बिजली बिल में भी अच्छी खासी बचत हो रही है।