Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ पालिका में बीजेपी को उखाड़ फेंकने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मोर्चाबंदी,घेरावबंदी शुरु कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दो दिन पहले पिंपरी विधानसभा विधायक अन्ना बनसोडे के कार्यालय में चार प्रमुख नेताओं के साथ बंद कमरे में चर्चा की। पिंपरी-चिंचवड़ में राकांपा की ताकत बड़ी है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार सहित महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता आगामी नगरपालिका चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे में डेरा डालेंगे। सत्ता तक पहुंचने के लिए संगठनात्मक निर्माण जरूरी है। क्या करें और क्या न करें? इसका मार्गदर्शन प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने किया। विधायक अन्ना बनसोडे के जनसंपर्क कार्यालय में बंद कमरे में चर्चा हुई। इस मौके पर पार्टी के पूर्व विधायक विलास लांडे,वरिष्ठ नेता आजम पानसरे,पूर्व नगरसेवक जगदीश शेट्टी और प्रसाद शेट्टी मौजूद थे।
प्रदेश अध्यक्ष के सुझाव पर अण्ण बनसोडे का काम शुरु
इस बीच जयंत पाटिल के सुझाव के बाद दूसरे दिन विधायक अन्ना बनसोडे ने काम शुरू कर दिया है। वार्ड संख्या 10 में संभाजीनगर,शाहूनगर के नागरिकों की विभिन्न समस्याओं को जानने के लिए स्थानीय नगरसेविका मंगला कदम की उपस्थिति में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिये गये। विधायक बनसोडे निकट भविष्य में वार्ड स्तरीय बैठक कर पार्टी की ताकत बढ़ाने जा रहे हैं। इसी के साथ एनसीपी के स्थानीय नेताओं ने पिंपरी-चिंचवड़ पालिका पर एनसीपी का झंडा फहराने के लिए कमर कस ली है।
संजय राउत के दौरे पर चर्चा
शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने पिंपरी-चिंचवड़ का दौरा किया। दौरे के दौरान सचिन भोसले ने शहर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों से पदाधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा की। राउत ने अपने भाषण में पूर्व विधायक गौतम चाबुकस्वार की हार को राकांपा विधायक अन्ना बनसोडे के बेटे पर कथित फायरिंग और अन्य मुद्दों पर जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही आगामी चुनाव में शिवसेना के 50 नगरसेवक चुने जाएंगे और महापौर शिवसेना से होगा। ऐसा दावा किया था।
शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे को गुप्त बैठक में निमंत्रण नहीं
पिंपरी-चिंचवड़ पहुंचे राकांपा प्रदेश अध्यक्ष पार्टी विधायकों और पूर्व विधायकों समेत कुछ पदाधिकारियों की अप्रत्यक्ष बैठक हुई। हालांकि शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे-पाटिल को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस बारे में पूछताछ करते हुए बताया गया कि वाघेरे-पाटिल को इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। दरअसल पार्टी का एक दिग्गज नेता पार्टी की बागडोर अपने कंधों पर लेना चाहता है। इसलिए एनसीपी के भीतर गुटबाजी जैसी स्थिति है।