Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के सत्तारुढ़ नेता नामदेव ढाके के एक बयान से महापौर का घोर अपमान हुआ। शिवसेना के प्रचंड विरोध प्रदर्शन को भांपते हुए महापौर माई ढोरे को अपना पवना बांध जलपूजन कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। पालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि महापौर ने डर कर अपना जलपूजन कार्यक्रम को रद्द किया। नामदेव ढाके भी शिवसेना के भारी विरोध के आगे नतमस्तक हुए। असल में अब हुआ है महापौर का अपमान। यह अपमान नामदेव ढाके के केवल एक गलत बयानबाजी की वजह से हुआ। दोनों पदाधिकारी पालिका में भाजपा की ओर से नेतृत्व करते है। दोनों पदाधिकारियों ने भाजपा की खूब छीछालेदर करवायी। दोनों पदाधिकारी चिंचवड विधानसभा के भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप के समर्थक हैं। जलपूजन कार्यक्रम रद्द होने से जगताप की छवि भी खराब हुई। यहां भाजपाई कमजोर और शिवसैनिक बलवान साबित हुए।
नामदेव ढाके के बयान ने लगाई चिंगारी
आपको बताते चलें कि चार दिन पूर्व पिंपरी चिंचवड मनपा के सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके ने मावल से शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि पवना बांध में जलपूजन करने का अधिकार केवल महापौर का होता है। महापौर का कार्यक्रम घोषित होते ही बारणे जलपूजन करके महापौर का अपमान किया। बारणे ने शहर के लिए क्या किया? कितना विकास निधि लेकर आए? ढाके की लगाई चिंगारी ने शिवसैनिकों की भावनाओं को भड़काने का काम किया। पवना बांध ग्रस्त,किसानों की बांध के लिए गई जमींनें,बंद पाईपलाईन पानी योजना के दौरान किसानों के प्रदर्शन पर चलीं गोलियां जिसमें तीन किसानों की मौत हुई। ये सभी पीडित लोगों को आज तक न्याय नहीं मिल सका। शिवसेना के नेतृत्व में सभी गोलबंद हुए और महापौर,सत्तारुढ नेता को चुनौति दी कि दम है तो पवना बांध में आकर जलपूजन करके दिखाएं। शिवसैनिकों ने जलपूजन की राजनीति से बांध को बदनाम करने का आरोप लगाया।
शिवसैनिकों का भारी विरोध,जलपूजन कार्यक्रम रद्द
बांध पीड़ितों के कड़े विरोध के कारण शनिवार को जल पूजन के नियोजित 4 सितंबर के कार्यक्रम को रद्द करने के लिए महापौर उषा ढोरे को मजबुर होना पड़ा और अपमान का घूंट पीना पड़ा।चुंकि बांध 100 प्रतिशत भरा हुआ है,मावल से शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने प्रतिवर्ष की तरह 30 अगस्त को बांध से प्रभावित नागरिकों के साथ जलपूजन किया। इस पर मनपा में सत्ताधारी दल के नेता नामदेव ढाके ने विवादित टिप्पणी की। पवना बांध पीड़ितों ने उनके इस बयान का कड़ा विरोध किया था। हमने बांध के निर्माण के लिए बहुमूल्य भूमि प्रदान की। बंद जलमार्ग योजना में चलीं गोलियां से मावल के तीन किसानों की मौत हो गई। इसके बावजूद पालिका के सत्ताधारियों ने बांध क्षेत्र के किसानों की दुर्दशा के बारे में कभी फिक्र नहीं की।
पवना बांध पर पालिका का नियंत्रण नहीं
पवना बांध पर पिंपरी चिंचवड मनपा का कोई नियंत्रण नहीं है। यह महाराष्ट्र शासन की सिंचाई विभाग के कंट्रोल में आता है। पालिका पैसा देकर केवल पानी खरीदता है। यह पवना बांध पिंपरी पालिका सीमा के बाहर मावल लोकसभा क्षेत्र में आता है जिसके सांसद श्रीरंग बारणे है। जलपूजन करने का असल अधिकार बारणे का बनता है। बारणे हर साल पवना बांध के जलपर्णी निकालने,कीचड़ निकालने,साफसफाई करने का काम करते है। पालिका के महापौर हर साल जलपूजन करने का दिखावा करते है। नामदेव ढाके को जलपूजन करने के लिए आना चाहिए था,शिवसेना स्टाइल में करारा जवाब मिलता। बांध प्रभावित संगठनों ने आक्रामक रुख अपनाया। बांध प्रभावित नागरिक सुबह से ही महापौर,सत्तारुढ नेता का इंतजार कर रहे थे।
शिवसैनिक 7 बजे से महापौर,सत्तारुढ नेता का कर रहे थे इंतजार
मावल तहसील शिवसेना उप प्रमुख अमित कुम्भर ने कहा, सदन के नेता को पता नहीं था कि उनका अपमान कैसे किया जाता है। बांध प्रभावित संगठन के रवि रसाल और मुकुंद कालभोर के साथ विरोध करने के लिए सुबह 7 बजे से शिवसैनिक महापौर,सत्तारुढ नेता का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जिसकी भनक महापौर को लगी और अपना जलपूजन कार्यक्रम को रद्द कर दिया। महापौर के दौरे को रद्द होते देख सभी ने विरोध सभा की। कुछ शिवसैनिक पवना बांध के ऊपर महापौर का इंतजार करते देखे गए। पवना बांध पीड़ितों की समस्या लंबित हैं। नगर पालिका की ओर से पीड़ितों को कितनी नौकरियां दी गईं,इसकी घोषणा होनी चाहिए। पालिका ने बांध से कीचड़ हटाने के लिए कितना धन उपलब्ध कराया? बांध पीड़ितों को कितना मुआवजा दिया गया? इन सवालों का जवाब जानने के लिए मेयर का इंतजार कर रहे थे। लेकिन पालिका का एक भी अधिकारी नहीं आया।,बांध पीड़ितों की समस्या प्रलंबित है। पवना बांध पिंपरी-चिंचवड़ मनपा का बांध नहीं है। पवना बांध पर पीड़ितों का अधिकार है,पिंपरी पालिका का नहीं।
ये शिवसैनिकों ने संभाला मोर्चा
शिवसेना के उप जिला प्रमुख शरद हुलावाले,तहसील प्रमुख राजेश खंडभोर,आयोजक अंकुश देशमुख,सुरेश गायकवाड़, तहसील के उप प्रमुख अमित कुंभर,आशीष थोम्ब्रे,चंद्रकांत भोटे,मदन शेगे,समन्वयक रमेश जाधव,महिला आयोजक शैला खंडगले,तहसील आयोजक अनीता गोंटे,डिवीजन हेड किसान तारास,राम सावंत,उमेश दहीभाट,लोनावला सिटी हेड बालासाहेब फाटक,देहू शहर के प्रमुख सुनील हगवाने,देहूरोड शहर के प्रमुख भरत नायडू,तलेगांव शहर के प्रमुख दत्ता भगड़े,देव खरातमाल,सिद्ध नलवाडे,सतीश इंगवाले,युवा अधिकारी श्याम सुतार,तलेगांव महिला मोर्चा की आयोजक रूपाली अहेर,सुनंदा आवले,सुरेखा मोरे,पूर्व सरपंच अनिल भालेराव,सिटी ब्रांच हेड सुरेश गुप्ता,सचिन कालेकर,विकास कालेकर,किशोर शिर्के,अंकुश वाघमारे,उमेश ठाकर,पोपट रक्षे,युवराज सुतार,बांध पीड़ित नेता रविकांत रसल,मुकुंद कौर, किसान घरदाले,शंकर दलवी,छाबन काले,बाजीराव शिंदे,छाया कालेकर,लीलाबाई डोंगरे,राम कालेकर,सरपंच सुनील येओले,आकाश वालुंज,ग्राम सदस्य रूपाली इंगवाले सभी शिवसेना महिला मोर्चा सभी युवा सेना के पदाधिकारी उपस्थित थे।