Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) चाचा-भतीजे की जंग अब विधायकों,सांसदों को तोडने के बाद जमीनी स्तर पर पहुंच गई है। चुनाव आयोग में पदाधिकारी,जिलाध्यक्ष,सक्रिय सदस्य की संख्या में गिनी जाती है। अगर हम पुणे जिले की बात करें तो पुणे शहर राष्ट्रवादी शरद पवार के साथ मजबुती के साथ खडी है। जबकि पिंपरी चिंचवड शहर की बात करें तो राष्ट्रवादी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अजित पवार के साथ है। वर्तमान स्थिति अगर राज्य की देखें तो चाचा भतीजे के बीच खींचतान का दौर जारी है। भतीजा भारी पडता नजर आ रहा है। लेकिन शरद पवार मास लीडर है,बाजी कब मार ले,आश्चर्य नहीं ।
पुणे में एनसीपी ने जहां शरद पवार के साथ रहने का फैसला किया है, वहीं पिंपरी-चिंचवड़ शहर एनसीपी ने सर्वसम्मति से अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया है। अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए। पवार साहब हमारे भगवान हैं। लेकिन शहर के विकास में अजित पवार का बडा योगदान है इसलि दादा के साथ जाने का फैसला किया।
अजित पवार नौ विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए, जिससे एनसीपी में फूट पड़ गई। अजित पवार और शरद पवार दो गुट बन गए हैं। इस पृष्ठभूमि में पिंपरी-चिंचवड़ शहर एनसीपी पदाधिकारियों की बैठक हुई। शहर के अधिकांश पदाधिकारी और पूर्व नगरसेवक अजित पवार के पक्ष में खड़े हो गए। विधायक अन्ना बनसोडे के बाद कार्यकारिणी ने भी सर्वसम्मति से अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया।
पिंपरी-चिंचवड़ शहर का नेतृत्व अजित पवार ने किया। जब नगर पालिका में राकांपा सत्ता में थी, तब शहर के सभी फैसले पवार ही लेते थे। शहर में संगठन के फैसले भी पवार ही ले रहे थे। इसलिए शहर में एनसीपी के पदाधिकारी अजित पवार के समर्थक हैं। अजित पवार द्वारा राजनीति में पद दिए जाने के कारण शहर के सभी पूर्व नगरसेवकों ने उनके साथ जाने का फैसला किया है। नतीजा यह हुआ कि पिंपरी-चिंचवड़ का एक भी पदाधिकारी शरद पवार के साथ नहीं रहा।
सर्वसम्मति से अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया गया है। दादा ने 1991 से पिंपरी-चिंचवड़ का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में शहर का सर्वांगीण विकास हुआ। भविष्य में भी शहर को बेहतर विकास के लिए दादा के नेतृत्व की जरूरत है। पवार साहब हमारे भगवान हैं; लेकिन हम शहर के सभी नेताओं, पदाधिकारियों, पूर्व पार्षदों, दादा के साथ हैं। हमारे साथ विलास लांडे भी हैं। शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने कहा कि दादा के साथ जाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।