पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ शहर में सभी महिला स्वयं सहायता समूहों का सर्वे किया जाएगा। उन्हें सशक्त बनाया जाएगा और स्वरोजगार दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) बनाई है। एक निजी संस्था टाटा कम्युनिटी इनिशिएटिव्स ट्रस्ट द्वारा तीन साल तक चलाए जाने वाले इस कमरे पर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या पालिका की यह नई पहल वास्तव में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए मददगार है या यह योजना भी विफल है।
पालिका के सामाजिक विकास विभाग की ओर से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। नगर पालिकाएं स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए शहर में स्वयं सहायता समूहों को सब्सिडी प्रदान करती हैं। शहर में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या अधिक है। अब कोरोना काल में विकलांग,तृतीय श्रेणी के साथ ही विधवा महिलाओं के लिए कोविडयोद्धा महिला स्वयं सहायता समूह की स्थापना की गई है। स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की क्षमता निर्माण,महिलाओं में आत्मविश्वास निर्माण,औद्योगिक विकास,रोजगार के अवसर और बाजार एकीकरण पर जोर दिया जाएगा। साथ ही संस्थागत भवन,वित्तीय साक्षरता,अभिलेख प्रबंधन,डिजिटल साक्षरता के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए इस कक्ष की स्थापना की जाएगी।
टाटा कम्युनिटी को सौंपा गया काम
इस कक्ष के संचालन के लिए 24 नवंबर से 21 दिसंबर 2022 तक एक माह के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद केंद्रीय गोदाम विभाग की ओर से टेंडर निकाला गया। टाटा कम्युनिटी इनिशिएटिव्स ट्रस्ट और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट जैसे दो निजी संगठनों ने प्रतिक्रिया दी। दोनों संगठनों ने 2 फरवरी 2023 को अपर आयुक्त प्रदीप जांबले, उपायुक्त समाजिक विकास विभाग व अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुति दी। दस्तावेज़ सत्यापन और वित्तीय श्रेणी में टाटा समुदाय ने 98.83 अंक और अखिल भारतीय संस्थान ने 85.60 अंक प्राप्त किए। चयनित टाटा कम्युनिटी ने पालिका को बताया कि चेंबर के तीन साल के काम पर कुल 13 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
दर कम करने के लिए कहने पर संगठन ने जीएसटी टैक्स छोड़कर 7 करोड़ 68 लाख 59 हजार 706 की लागत से तीन साल तक काम करने की तैयारी की। इस खर्च के लिए कमिश्नर व प्रशासक शेखर सिंह ने स्टैंडिंग कमेटी को मंजूरी दे दी है। यह व्यय सामाजिक विकास विभाग के महिला स्वयं सहायता समूहों के उपशीर्षक ’मिशन स्वावलंबन’ के प्रावधान से किया जायेगा।