Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड पालिका ने शहर में पानी की कमी का फायदा उठाकर 30 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप में विवादित और ब्लैक लिस्टेड गोंडवाना कंपनी को भामा अस्केड बांध से पानी उठाने के लिए ’जैकवेल’ बनाने का काम दिया है। एनसीपी के शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने जानकारी दी है कि एनसीपी कांग्रेस की ओर से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है और सुनवाई 2 मई को होगी।
भाजपा के दबाव में आयुक्त ने दिया ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ठेका
इस संबंध में अजित गव्हाणे ने एक पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पिंपरी-चिंचवड़ के भामा असखेड बांध में स्वीकृत कोटा उठाने के लिए बांध क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए गोंडवाना इंजीनियरिंग को नियुक्त किया गया है। आयुक्त ने 29 मार्च को कंपनी के टेंडर को मंजूरी दी। इस संबंध में हमने आयुक्त के संज्ञान में लाया था कि संबंधित ठेकेदार विवादित है और ब्लैक लिस्टेड है। यह भी मांग की गई कि संबंधित ठेकेदार को काम नहीं दिया जाए। लेकिन भाजपा नेताओं के दबाव में मनपा आयुक्त ने अवैध तरीके से यह काम गोंडवाना कंपनी को दे दिया है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
कंपनी है ब्लैक लिस्टेड,जानकारी छुपाई गई
संबंधित गोंडवाना इंजीनियरिंग कंपनी काली सूची में है और कंपनी ने पालिका द्वारा लागु नियम और शर्तों के अनुसार दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। इसके अलावा कंपनी को ब्लैक लिस्ट में शामिल किए जाने की जानकारी छिपाई गई है। संबंधित कंपनी पर यह भी टिप्पणी है कि कंपनी द्वारा पूर्व में किए गए कार्य घटिया स्तर के हैं। 120 करोड़ रुपए का काम होने के बावजूद 147 करोड़ रुपए में संबंधित कंपनी को काम दे दिया गया। रख-रखाव एवं मरम्मत पर जहां 23 करोड़ रुपये का व्यय निर्धारित किया गया है, वहीं रखरखाव एवं मरम्मत पर 28 करोड़ रुपये का व्यय स्वीकृत किया गया है। गव्हाणे ने यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी और भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं की इस काम में 30 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने की मंशा है, हालांकि कंपनी ने 23 करोड़ रुपये की कटौती के साथ काम करने की इच्छा जताई है।
टेंडरिंग प्रक्रिया में कई अनियमिताएं
महत्वपूर्ण रूप से, निविदा प्रक्रिया के अनुसार घटी हुई राशि का मूल्य ब्रेकडाउन प्रस्तुत नहीं किया गया है, जबकि यह कानून द्वारा अनिवार्य है। एकमात्र ठेकेदार होने के बावजूद काम में जल्दबाजी की गई है और इस काम का एस्टीमेट भी मिस हो गया है। इसलिए इस पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि इस टेंडर को रद्द किया जाए और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ जनहित याचिका के जरिए कानूनी कार्रवाई की जाए।
भाजपा का भ्रष्ट चेहरा बेनकाब होगा
पालिका आयुक्त ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे वे भाजपा कार्यकर्ता हैं न कि प्रशासक के रूप में। जकवेल में मची अव्यवस्था को लेकर हमने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है क्योंकि भाजपा नेता नेताओं के दबाव में गलत काम और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और इसके जरिए शहर की जनता की गाढी कमाई बचायी जा सकती है,साथ ही साथ भाजपा के भ्रष्ट चेहरा जनता के सामने बेनकाब होगा। ऐसा राकांपा शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने अपने पत्र में कहा है।