Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण को 7 जून को पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) में विलय किया गया। इस समय विकसित क्षेत्र को अविकसित एवं विकसित श्रेणी में वर्गीकृत कर पिंपरी-चिंचवड़ पालिका को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राधिकरण के फ्लैटों की ट्रांसफर फीस का मामला अब भी जस का तस है। यहां के नागरिकों के लिए बहुत बड़ा आर्थिक झटका है। भाजपा युवा मोर्चा के नगर उपाध्यक्ष शिवराज लांडगे ने मांग की कि प्राधिकरण के विकसित क्षेत्रों में फ्लैटों के हस्तांतरण शुल्क और प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कार्रवाई की जाए। अतिरिक्त आयुक्त विकास ढाकणे से मुलाकात के बाद मांगों भरा एक पत्र सौंपा। इस समय पिंपरी-चिंचवड़ पालिका की स्थायी समिति के अध्यक्ष नितीन लांडगे इस अवसर पर नितिन लांडगे सहित पदाधिकारी व अन्य मौजूद रहे।
पिंपरी-चिंचवड़ पालिका पहले से ही प्राधिकरण के स्वामित्व वाली भूमि में फ्लैटों पर आयकर लगा रहा है। वहीं इन फ्लैटों की ट्रांसफर फीस अभी भी अथॉरिटी की दर से ली जाती है। यहां के फ्लैटों के मालिकों को सरकार के पुनर्निर्धारण की दर से हस्तांतरण शुल्क का खर्च वहन करना पड़ता है। यह एक तरह से बड़ा आर्थिक नुकसान है। प्राधिकरण प्रशासन द्वारा बनाए गए अधिकांश फ्लैटों को तीन से चार बार ट्रांसफर किया जा चुका है। यहां आज भी मूल मालिकों के नाम पर फ्लैट हैं। ये फ्लैट शहर के मजदूरों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बनाए गए हैं। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार फ्लैट मालिकों के लिए स्थानांतरण शुल्क वहनीय नहीं है। इसलिए मांग है कि नगर पालिका प्रशासन की पहल पर फ्लैटों को नि:शुल्क स्थानांतरित किया जाए।
इंद्रायनी नगर सेक्टर नंबर 2 में प्राधिकरण ने करीब 35 साल पहले आवासीय भवन बनवाए थे। कहा जा रहा है कि अगर कुछ और वर्षों में स्ट्रक्चरल ऑडिट किया गया,तो इन इमारतों का जीवन समाप्त हो जाएगा। हालांकि तबादले का मामला अभी भी सुलझ नहीं पाया है। संबंधित फ्लैटधारक आयकर का भुगतान कर रहे हैं। इसलिए बिना कोई सरचार्ज लगाए इन फ्लैट धारकों को पालिका में समायोजित करना आवश्यक है। हालांकि ऐसा लगता है कि पुराने शुल्क नए सिरे से वसूल किए जा रहे हैं। वर्तमान में यदि इन फ्लैट धारकों को रेडी रेकनर दर पर नगर पालिका को स्थानांतरण शुल्क का भुगतान करना है,तो प्राधिकरण के विलय से पिंपरी-चिंचवड के नागरिकों को क्या लाभ है? इस मौके पर ऐसा सवाल भी खड़ा हो गया है। इसलिए नगर निगम और प्राधिकरण हस्तांतरण शुल्क के बीच एक बड़ा अंतर है। इसे हटाने की मांग की गई।
हमारी मांग है कि पिंपरी-चिंचवड़ पालिका सभी सोसायटियों को सुविधा विलेख देकर फ्लैट धारकों को फ्लैट का पूरा मालिकाना हक देने का आदेश जारी करे। अब जबकि पालिका में तबादला होने के बाद भी तबादला शुल्क वसूला जा रहा है तो मामला अन्यायपूर्ण है। इसे बिना चार्ज किए पूरी तरह से माफ कर देना चाहिए। साथ ही स्थानांतरण का विषय लंबित है,भले ही सूचकांक-2 और संपत्ति कर रसीद संबंधित किरायेदार के नाम पर है। इसलिए प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और प्राधिकरण में फ्लैट मालिकों को न्याय देना चाहिए। शिवराज लांडगे ने एक पत्र में मांग की।