पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पारिवारिक माहौल,संगत,झटपट पैसा कमाने की मानसिकता,मौजमस्ती के लिए पैसा कमाने और अपराध के आकर्षण के कारण नाबालिग बच्चे अपराध की दुनिया में कदम रख रहे है। कुछ बडे अपराधिक संगठन और शातिर बदमाश अपने अपराध को अंजाम देने के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल कर रहे हैं,और इनका भविष्य चौपट कर रहे है। नाबालिगों को इस्तेमाल से बडे अपराधियों को तीन फायदे होते हैं। पहला यह कि किसी भी अपराध के लिए कम पैसों में यह काम को अंजाम देते है। दूसरा यह कि गिरफ्तारी होने पर इनको जेल की बजाय बालसुधार गृह में रखा जाता है। जहां कुछ महिनों अथवा वर्ष में रिहाई हो जाती है। तीसरा अपराध करते समय इन मासूम चेहरों पर किसी को शक नहीं होता। जिसका फायदा उठाकर नाबलिग मर्डर,लूट जैसे बडे वारदातों को आसानी से अंजाम देते है।कुछ अपराध बच्चे खुद की मर्जी से करते है। इनको कम समय में पैसा कमाने और मौजमस्ती करने के मकसद से अपराध जगत में कदम रखते है।
पुलिस कमिश्नर द्धारा बाल गुनाहगारों को सुधारने का भरसक प्रयास
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने इन बच्चों को अपराध की दुनिया से बाहर निकालने और अच्छा इंसान बनाने के लिए भरसक प्रयास कर चुके है। चर्चासत्र,व्याख्यानमाला,हाथ में रोजगार,सही गलत की सीख जैसे कई जागरुकता व मार्गदर्शन शिबिर के माध्यम से बालगुनाहगारों को सुधारने की कोशिश की है। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश के प्रयासों को सफलता भी मिली। पुलिस कमिश्नर ने पालकों से भी अपील की है कि अपने बच्चों के बारे में जानकारी रखें कि वह कहां जाता है?कब घर आता है? क्यों गया था? किसके साथ गया था? संगत वाले मित्र की क्या पृष्ठभूमि है? बच्चे की जिद और जरुरत आदि बातों पर बारिकी से ध्यान दें। अगर पालकों को ऐसा लगता है कि उसका पुत्र गलत रास्ते में जा रहा है तो तुरंत पुलिस को खबर करें। ताकि समय रहते अपराध करने से बचाया जा सके।
बच्चों में झटपट पैसा कमाकर मौजमस्ती की होड़
बच्चों में झटपट पैसा कमाकर मौजमस्ती करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। पिंपरी-चिंचवड में पिछले एक साल में 147 किशोर अपराधी हत्या,हत्या के प्रयास,बलात्कार,वाहन चोरी,चोरी,डकैती और चोरी जैसे 123 गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए हैं।
आपराधिक दुनिया पर दबदबा रखने के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल
किशोर अपराध चिंता का विषय बन गया है और इनमें से कुछ किशोर अपराधी पुलिस रिकॉर्ड में अपराधी बन गए हैं। पढ़ने और खेलने की उम्र में ये बच्चे हाथों में हथियार लिए घूमते नजर आते हैं। किशोर अपराध में शामिल कुछ लोग घर में मौज-मस्ती करते हुए तत्काल धन कमाने के साधन के रूप में अपराध की ओर रुख करते हैं,जबकि अन्य अपराध में बदल जाते हैं। खास बात यह है कि दुनिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए अपराधी क्या करेंगे,यह कुछ नहीं कहा जा सकता।
पिछले साल दुष्कर्म के 164 मामले दर्ज किए गए
पुणे में भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हर दिन कई महिलाओं और लड़कियों को घरेलू हिंसा और बलात्कार का सामना करना पड़ता है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक पिछले साल पुणे में रेप की 164 घटनाएं हुई थीं। ज्यादातर मामलों में खुलासा हुआ है कि रेप किसी रिश्तेदार या परिचित ने किया है। विवाहित महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं भी सामने आयी हैं। घरेलू हिंसा से तंग आकर कई महिलाओं ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।