Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मेरा और विनय सहस्त्रबुद्धे का भाग्य एक जैसा अच्छा है। हमें फाइव स्टार सुविधाएं मिल रही है लेकिन शांति नहीं है। शांति केवल प्रकृति में और बांस की झोपड़ियों में पाई जा सकती है,राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ऐसा कहा। पिंपरी चिंचवड़ में प्राचीन भारतीय संस्कृति पर एक व्याख्यान श्रृंखला और भारतीय विरासत परिचय और संरक्षण पर एक कार्यशाला का उद्घाटन राज्यपाल के हाथों किया गया। वह उस समय बात कर रहे थे।
अगर क्रांतिवीर चाफेकर होते तो…
सरकारी अधिकारियों का सरोकार सिर्फ नेताओं से होता है,जनता से नहीं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकारी अधिकारियों के कामकाज पर सवालिया निशान खडा किया।अगर इन अधिकारियों ने नेताओं की तरह लोगों का ख्याल रखा होता तो यह समाज आज स्वर्ग जैसा बना जाता। राज्यपाल ने इस बार यही कहा है। अगर अभी क्रांतिवीर चाफेकर होते,तो इन अधिकारियों का भला नहीं होता। गवर्नर ने यह बताते हुए ब्रिटिश कलेक्टर रैंड की हत्या का सबूत दिया।
देश की बेहतरी के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए
देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों का नाम मृत्यु के बाद भी अमर है। ऐसे महापुरुषों के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए सभी को देश के उत्थान के लिए प्रयास करना चाहिए। अगर हर कोई उत्कृष्टता पर जोर दे तो देश और प्रगति कर सकता है। पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम के माध्यम से आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं। गुरुकुलम के माध्यम से पारंपरिक कला का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उपेक्षित और पिछड़े समुदायों के नागरिक समाज की मुख्यधारा में आएंगे बल्कि उनके आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। इस समय सांसद डॉ.विनय सहस्रबुद्धे,महापौर उषा माई ढोरे,पिंपरी-चिंचवड़ नगर आयुक्त राजेश पाटिल,सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.नितिन कर्मलकर,चापेकर स्मृति समिति के अध्यक्ष पद्मश्री गिरीश प्रभुणेे,डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति डॉ.वसंत शिंदे भी मौजूद थे।