Pcmc News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पांचवां महीना सावन आज यानी 14 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना मूसलाधार बारिश के लिए जाना जाता है। इस विशेषता के अनुरूप बादल सावन की शुरुआत से पहले से ही बादल, मुंबई, महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के ज्यादातर हिस्सों में झूमकर बरस रहे हैं। लेकिन बादलों से बरसते मूसलाधार पानी की तरह देश पर महंगाई की मार भी पड़ रही है। गीले मौसम में जनता की गीली जेबें और ढीली होने लगी हैं। पहले ही पेट्रोल, डीजल के साथ सीएनजी पीएनजी और रसोई गैस की बढ़ी कीमतें लोगों का बजट बिगाड़ दिया था उस पर केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में बदलाव करके लोगों की कमर तोड़ने का काम किया है। जीएसटी की नए नियमों के अनुसार गैर ब्रांडेड खाद्य सामग्री को जीएसटी के दायरे में लाया गया है। सावन की शुरुआत के साथ शुरू हो रहे त्योहारी मौसम में महंगाई के और बढ़ने की बात कही जा रही है। इंदौर सहित देश के कई हिस्सों में व्यापारियों ने इसके खिलाफ आज से आंदोलन शुरू करने का एलान किया है।
केंद्र के गलत नीतियों के कारण महंगाई से हाहाकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपाई सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में महंगाई हाहाकार मचा रही है। बार-बार बढ़ती रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों के कारण लोगों के घरों में चूल्हे ठंडे पड़ने लगे हैं। रसोई गैस के सिलिंडरों की कीमतें बढ़ने के दौरान केंद्र सरकार ने 18 जुलाई से सभी तरह के पैक आटा, दाल, चावल, अनाज, दही, लस्सी और अन्य खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है। उस पर महानगर गैस ने 13 जुलाई से मुंबई में सीएनजी-पीएनजी के दाम बढ़ा दिए हैं। सरकारी गैस कंपनी महानगर गैस ने 12 जुलाई की आधी रात से मुंबई में सीएनजी के दाम 4 रुपए प्रति किलो और पीएनजी के दाम 3 रुपए / एससीएम बढ़ गए हैं। इसके मुताबिक, अब मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में सीएनजी का नया रेट 80 रुपए किलो और पीएनजी का रेट 48.50 रुपए प्रति एससीएम है। केंद्र सरकार 1 अप्रैल से डोमेस्टिक और नेचुरल गैस की कीमतों में 110 प्रतिशत का इजाफा कर चुकी है।
गिरता रुपया बढ़ाएगा महंगाई
भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है। भारतीय रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार तीसरे दिन अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छूते हुए 79.67 पर पहुंच गया। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.60 पर बंद हुआ था। पिछले तीन दिन में ये तीसरी बार है जब रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंची है।
मार्च से ही गिर रहा है रुपया
भारतीय रुपए की कीमत में मार्च के बाद से ही गिरावट देखने को मिल रही है और ये कई बार अपने सबसे निचले स्तर को छू चुका है। जनवरी में डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 74 के आसपास थी, लेकिन मार्च में ये पहली बार 77 से नीचे पहुंचा और तब से लगातार गिर रहा है। रुपए की कीमत में ये गिरावट जल्द थमने की संभावना न के बराबर है और ये 80 के आंकड़े को पार कर सकता है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ेगा। इसकी वजह सेखाद्य तेल से लेकर ईंधन की कीमतें और बढ़ सकती हैं।