Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी मनपा के प्रशासक और आयुक्त राजेश पाटिल का मंगलवार (16 अगस्त) को आनन-फानन में तबादला कर दिया गया है। सतारा के चर्चित पूर्व कलेक्टर शेखर सिंह शहर के मनपा के नए आयुक्त होंगे। महज 18 महीने में पाटिल की उथल-पुथल से सबको हैरान कर दिया।
श्रावण हार्डिकर के तबादले के बाद राजेश पाटिल फरवरी 2021 में पालिका आयुक्त के रूप में पदभार संभाला था। पिंपरी नगर पालिका में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 14 मार्च 2022 से उन्हें पिंपरी नगर पालिका के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था। प्रशासक के रूप में पांच महीने पूरे करने के बाद पाटिल का तबादला कर दिया गया था। स्वतंत्रता दिवस की तमाम गतिविधियां समाप्त होने के बाद मंगलवार (16 अगस्त) की दोपहर आयुक्त के तबादले के आदेश प्राप्त हुए। उनके तबादले का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
ओडिशा राज्य से प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र आने के बाद राजेश पाटिल को सबसे पहले पिंपरी नगरपालिका में नियुक्त किया गया था। कमिश्नर के काम करने का तरीका शुरू से ही विवादों में रहा। वह लगातार नगरसेवकों से उलझते देखे गए। वह जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, पत्रकारों आदि से दूरी बनाकर रखते थे। बार-बार शिकायतें मिलती थीं कि जो आयुक्त शुरू में तटस्थ थे,वे बाद में राकांपा के मन मुताबिक काम कर रहे थे। पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ-साथ पिंपरी में राकांपा के स्थानीय नेताओं के कहने पर फैसले हो रहे थे।
जब नगर पालिका में भाजपा सत्ता में थी और कुछ मुद्दों को भाजपा ने बहुमत से मंजूरी दी,तो आयुक्त ने मंजूरी नहीं दी। इसलिए नगर पालिका में भाजपा और आयुक्त के बीच गुप्त संघर्ष छिड़ गया। उन्होंने नगर पालिका के स्थानीय अधिकारियों को अलग रखा और सभी महत्वपूर्ण विभागों को प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों को दे दिया। इसको लेकर पालिका व बाहर के अधिकारियों में विवाद हो गया। राज्य में सत्ता हस्तांतरण के बाद आयुक्त का तबादला करने की चर्चा थी। इस बीच स्थानीय भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि राजेश पाटिल भाजपा विरोधी है और राष्ट्रवादी पार्टी की इच्छा के अनुसार काम कर रहे है आखिरकार मंगलवार को कमिश्नर राजेश पाटिल का तबादला कर दिया गया।