Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) हिंदुस्तान का हर चुनाव जीतने के बाद भाजपा अपना अजेय अश्वमेध घोड़ा पडोसी देशों पाकिसतान,चीन,श्रीलंका,बांगलादेश में भेज दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। जी हां,कल घोषित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम यही संकेत दे रहे है। यूपी,उत्तराखंड,गोवा,मिजोरम चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार लागातार दूसरी बार आने का मतलब अब भाजपा के अश्वमेध घोड़े को कोई रोक नहीं सकता।
चार राज्यों के चुनाव परिणाम महाराष्ट्र के मनपा चुनावों पर डालेगा असर
चार राज्यों के परिणाम ने पूरे देश में यह संदेश दिया कि मोदी है तो मुमकिन है। विरोधियों की नींद उड़ गई है। इन परिणामों का सीधा असर महाराष्ट्र में होने वाले 10 मनपा चुनावों पर पड़ेगा,ऐसा जानकारों का मानना है। अगर हम पुणे,पिंपरी चिंचवड मनपा चुनाव की बात करें तो भाजपा के अश्वमेध घोड़े को रोकने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास लवकुश नहीं,जो इस अजेय घोड़े को रोक सके। लवकुश की जोडी…महेश लांडगे,लक्ष्मण जगताप के रुप में भाजपा के पास है। जिसने 2017 में राष्ट्रवादी कांग्रेस के 15 साल से विजयी अश्वमेध घोड़े को रोका। लेकिन वर्तमान में राकांपा के पास ऐसे लवकुश नहीं है जो आने वाले मनपा चुनाव में भाजपा को दूसरी बार जीतने से रोक सके।
भाजपा को चुनाव जीतने का नशा
जिस तरह शराबी को शराब का नशा होता है ठीक उसी तरह भाजपा को एक चुनाव के बाद दूसरा चुनाव जीतने का नशा सवार है। जिसका ज्वलंत उदाहरण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय गुजरात के दौरे पर है जहां अहमदाबाद से लेकर भाजपा मुख्यालय तक रोड शो कर रहे है। इसी साल गुजरात में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। जिसकी तैयारी में प्रधानमंत्री लग चुके है। परिणाम घोषित होने के एक दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह त्रिपुरा के दौरे पर थे। वहां भी चुनाव होने वाला है जिसकी तैयारी अभी से शुरु कर दी है। भाजपा के कोई भी कैडर को विश्राम करने अथवा अवकाश लेने की अनुमति नहीं। एक चुनावी डियुटी खत्म दूसरे पर लग जाओ…यही मिशन लोटस है। एक फौजी की तरह दी गई डियुटी पर तैनात रहना यही भाजपाई,संघी कार्यकर्ताओं की निशानी है।
भाजपा के लवकुश चुनाव की तैयारी में जुटे
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों लवकुश की जोडी हैं,बिना रुके,बिना थके 24 घंटे काम करते रहते है। पिंपरी चिंचवड मनपा के चुनाव की पूर्ण तैयारी भाजपा 6 महिने पहले करके बैठी है। बूथ लेवल से आगे निकलकर मतदाता सूची तक एक पेज में समाविष्ट मतदाताओं को मतदान केंद्र तक कौन लेकर जाएगा? मेरा बूथ सबसे मजबुत का किताब कौन जीतेगा? यहां तक की तैयारी शहर के लवकुश के नेतृत्व में हो चुकी है। भाजपा ने अबकी बार 100…पार का टारगेट रखा है। चिंचवड के लव और भोसरी के कुश ने टारगेट को बांट रखा है। पिंपरी विधानसभा क्षेत्र से जो मिलेगा वो बोनस के रुप में होगा।
राष्ट्रवादी इंजन बदला,डिब्बे वही पुराने
शहर राष्ट्रवादी अपना पुराना इंजन हटाकर नया इंजन लायी है। लेकिन डिब्बे वही पुराने है,जिनको बैलगाडी की चाल चलने की आदत है। भाजपा के अब तक 6 डिब्बों को तोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस ने अपने इंजन के साथ जोड़ने में कामयाब हुई,मगर इन डिब्बों से बात नहीं बनेगी। कारण राष्ट्रवादी की पटरी वही घिसी पिटी पुरानी है जिसमें स्पीड बढ़ाया तो एक्सीडेंट होने का खतरा है। भाजपा के पास इंजन,डिब्बे,पटरी सबकुछ नया और चमकीला है… जो चमकता है वही बिकता है।
महाराष्ट्र में मिशन लोटस
राज्य में आघाडी सरकार उस तीन पहिया गाड़ी की तरह है जिसका एक पहिया निकल जाए तो सरकार धड़ाम से गिर जाएगी। महाराष्ट्र में कई दिनों से मिशन लोटस जारी है,चर्चा है कि 15 मार्च तक राजनीतिक भूचाल आने की संभावना है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी और दाउद से संबंध के मुद्दे पर राज्य में भाजपा के नेता आक्रमक हैं। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक मिशन लोटस युद्धस्तर पर कार्यरत है।
फडणवीस की गाडी पर चप्पल फेंकने की घटना से राष्ट्रवादी बैकफुट पर
फिर वही सवाल है कि भाजपा के अजेय अश्वमेध घोड़ा को रोकने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस लवकुश कहां से लाएगी? शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे का कद अभी इतना बड़ा नहीं कि भाजपा के अश्वमेध घोड़े को रोक सके। भाजपा के कैडर और तैयारी धरातल पर देखी जा सकती है, जबकि राष्ट्रवादी का कैडर और तैयारी नदारद है। आंदोलन और मोर्चा,पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गाडी पर चप्पल फेंकने और देवेंद्र फडणवीस चोर है… का नारा देने से राकांपा बैकफुट पर है,जनता के बीच गलत संदेश गया। राष्ट्रवादी के कुछ नगरसेवकों को भी यह घटना नागवार गुजरी। फडणवीस चोर कैसे? शहर के विकास काम में क्या गड़बडी,धांधली हुई उनका क्या लेना देना?
भाजपा विधायकों का विरोध करने की हिम्मत राष्ट्रवादी के पास नहीं
अगर राष्ट्रवादी वाले स्थानीय दोनों भाजपा के नेताओं को टारगेट करती है तो तीर निशाने पर लगेगा। मगर शायद भाजपा विधायकों के विरुद्ध नारेबाजी,आरोप करने की हिम्मत शहर राष्ट्रवादी के किसी नेता के पास नहीं। राष्ट्रवादी के पदाधिकारी पांच साल भाजपा के साथ मिलकर ठेकेदारी की,फिर किस मुंह से भाजपा के स्थानीय नेताओं का विरोध करेगी?
पांच साल कुंभकर्ण नींद में सोती रही राकांपा अब चुनाव के आखिरी क्षण में कोई चमत्कार करेगी…यह तो मुंगेरी लाल के हसीन सपने वाली बात होगी…मतलब साफ है कि मनपा में एक बार फिर भाजपा सत्ता में आती नजर आ रही है।