Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) कालेवाडी के पेंटिंग काम करने वाले मनोज उर्फ जगदीश भुवाल मौर्या उम्र 27 को 26 जनवरी के दिन अपहरण करके उसकी बेरहमी से पीट पीट कर हत्या करने की घटना घटी। इस हत्याकांड़ में शामिल 6 आरोपियों को वाकड पुलिस ने 8 घंटे के अंदर दबोचा। जबकि सातवाँ आरोपी आकाश दत्ते उम्र 23 नि.जीजामाता चौक,वाल्हेकरवाडी को गिरफ्तार की है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि सात दिन बीत जाने के बावजूद अभी भी हत्याकांड के मास्टरमाइंड फरार हैं। पुलिस उपनिरिक्षक जो इस केस के जांच अधिकारी हैं,उनका कहना है कि कुल 9 लोग हत्याकांड में लिप्त हैं। दो संदिग्ध आरोपी स्मिता तुषार हांडे और तुषार मारुति हांडे फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। वाकड 84/2024,भारतीय दंड विधान की धारा 364,302,201,143,145,148,149 इन धाराओं के तहत गिरफ्तारी हो रही है।
मौर्या की हत्या कैसे और क्यों हुई ?
कालेवाडी में रहने वाले मनोज मौर्या पेंटिंग काम करते थे। पेंटिंग काम के लिए 50 हजार रुपये एडवांस लिया था। किसी कारण समय पर काम नहीं कर सका। एडवांस के पैसे खर्च होने के कारण वापस करने की स्थिति में नहीं था। इधर आरोपियों की ओर से पैसे वापस करने का दबाव निरंतर बनाया जा रहा था। धमकियां भी मिल रही थी। 26 जनवरी के दिन सुबह 8 बजे पूर्व नियोजित साजिश के तहत मौकाई चौक,रावेत परिसर में बुलाया। वहां आरोपियों ने मौर्या का अपहरण करके कार में बैठाकर ले गए। वाल्हेकरवाडी में रहने वाले शुभम वाल्हेकर और उसके साथियों कुणाल सुरेश भारम (उम्र 23 वर्ष) सौरभ राजेंद्र वाघमारे (उम्र 25 वर्ष) अक्षय लक्ष्मण पाटिल (उम्र 23 वर्ष)बिजलीनगर,रिक्शा चालक दिनेश रामेश्वर मस्के (उम्र 27 वर्ष) और सागर जगन जाधव (उम्र 23 वर्ष) मिलकर रहाटनी फाटा के एक पत्रा शेड में ले गये और पैसे की मांग करते हुए मनोज उ़र्फ जगदीश मौर्य का मुँह रिबन से और पैर डंडे से बाँधकर प्लास्टिक पाइप से पीटा। मृतक मौर्या बेहोश हो गया। सभी आरोपी डर गए और मृतक मनोज मौर्या को एक ऑटो रिक्शा में डालकर थेरगांव के नगरपालिका अस्पताल में छोड़ कर फरार हो गए। अस्पताल में इलाज से पहले ही मनोज मौर्या की मौत हो गई।
उत्तर भारतीय समाज की ओर से रास्ता रोको आंदोलन
26 जनवरी दोपहर के समय मृतक मौर्या का शव एक एम्बुलेंस में लाकर उत्तर भारतीय समाज की ओर से कालेवाडी चौकी के सामने रास्ता रोको आंदोलन किया गया। लंबा जाम लगने से पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। एसीपी विशाल हिरे अपने पुलिस बल के साथ पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया। कहा कि 6 लोग गिरफ्तार हैं,अगर कोई और शामिल है तो उसकी जांच करके उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा ऐसा आश्वासन मिलने के बाद आक्रोशित लोग शांत हुए।
इस हत्याकांड़ का एक चश्मदीद गवाह है,जो अपना बयान वाकड पुलिस थाने में दर्ज करा चुका है। अपने बयान का वीडियो रिकॉर्ड भी पुलिस को सौंपा है। पुलिस ने एक इन्होवा-12 नंबर की गाडी जब्त की है। एक स्थानीय नेता के माध्यम से सेटलमेंट,दबाव का दौर शुरु है। एक भूतपूर्व नगरसेवक को भी इस काम में लगाया गया है। ऐसी भी जानकारी छनकर बाहर आ रही है। आरोपियों को 7 दिन का पुलिस रिमांड मिला है। पेशी के बाद रिमांड की अवधि बढ़ने की उम्मीद है,क्योंकि अभी तक मास्टरमाइंड फरार है।
उत्तर भारतीयों का शिष्टमंडल गृहमंत्री,पुलिस कमिश्नर के संपर्क में
उधर उत्तर भारतीयों का एक शिष्टमंडल पुलिस कमिश्नर विनय कुमार चौबे और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में है। पुलिस की भूमिका,अब तक की कार्रवाई,पर्दे के पीछे रहकर सफेदपोश नेताओं की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। लोकसभा का चुनाव है। पिंपरी चिंचवड शहर,पुणे जिला समेत महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों का एक बहुत बडा वोटबैंक निर्णायक भूमिका में है,इस समाज को नाराज करने का जोखिम सरकार में बैठे लोग नहीं उठा सकते। कालेवाडी,रहाटणी,थेरगांव के नेताओं को नगरसेवक,विधानसभा,लोकसभा चुनाव में उत्तर भारतीयों का वोट तो चाहिए,लेकिन जब उत्तर भारतीयों को गाजर मुली की तरह हलाल किया जाता है तो यही नेतागण बचाव में खुलकर सामने नहीं आते। यहां तक की मृतक की शवयात्रा में चार कदम नहीं चलते। ऐसे दोहरे चरित्र वाले सफेदपोशों के बारे में उत्तर भारतीयों को पुर्नविचार करने की जरुरत है।