Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण की सीमा के भीतर भूमि अधिग्रहण से प्रभावित भूमिपुत्रों को साढ़े बारह प्रतिशत जमीन लौटाने का मामला अभी लंबित है। दो साल पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लिया गया था। हालांकि, इसे लागू नहीं किया गया है, भाजपा शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा।
1972 से 1984 तक पिंपरी प्राधिकरण के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है। ऐसे भूस्वामियों को उनके अधिग्रहीत क्षेत्र का साढ़े 12 प्रतिशत जमीन वापस दिलाने के लिए संबंधित किसानों ने कई आंदोलन किए हैं। प्राधिकरण द्वारा उन्नत कारण यह है कि रिफंड के लिए पर्याप्त क्षेत्र उपलब्ध नहीं है।
इस पृष्ठभूमि में जुलाई 2019 में जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तब मंत्रालय में एक अहम बैठक हुई थी। विकसित क्षेत्र का 6.2 प्रतिशत भूमि स्वामी को दिया जाए। साथ ही ऐसी भूमि लौटाते समय 2 मैट क्षेत्रफल के बराबर इंडेक्स स्वीकृत किया जाए। इस बैठक में फडणवीस ने निर्देश दिया कि प्राधिकरण के विकास नियंत्रण नियमों में तद्नुसार आवश्यक संशोधन किया जाए। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लांडगे ने बताया कि महाविकास अघाड़ी के ढाई साल के कार्यकाल और पालिका में प्रशासनिक व्यवस्था के दौरान प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई है।
पिंपरी-चिंचवड़ में भूमिपुत्रों की भूमि को प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया है, और उसकी वापसी का प्रश्न कई वर्षों से लंबित है। लांडगे ने कहा कि वे नागपुर में विधान सभा सत्र में इस मुद्दे पर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे, जिसमें कहा गया है कि प्राधिकरण द्वारा बाध्य भूमिपुत्रों को स्थायी राहत प्रदान करने की तत्काल मांग है।