Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे पालिका ने हाल ही में पीएमआरडीए के तहत जिले के खडकवासला,किर्कतवाड़ी,धारी,नांदेड़ और अन्य गांवों को नोटिस भेजने की योजना बनाई है।हैरानी की बात तो यह है कि नागरिक आरोप लगा रहे हैं कि संबंधित विभाग के अधिकारी नोटिस भेजकर और संबंधित भवन स्वामियों को तलब कर कार्रवाई रोकने के लिए समझौता के तौर पर लाखों की मांग कर रहे हैं। इस बीच, पीएमआरडीए के अनाधिकृत निर्माण विभाग के डिप्टी कलेक्टर प्रवीण ठाकरे ने कहा है कि इस संबंध में जांच की जाएगी। लगभग दो साल पहले,पुणे पालिका से सटे 23 गांवों को पुणे पालिका में शामिल किया गया है, लेकिन बिल्डिंग परमिट और निर्माण से संबंधित अन्य अधिकार अभी भी ’पीएमआरडीए’ के पास हैं। गांवों को नगर पालिका में शामिल करने के बाद पीएमआरडीए के अनाधिकृत निर्माण विभाग ने शामिल गांवों में अनाधिकृत निर्माण करने वालों को नोटिस भेजने का फैसला किया है।
अभी तक तीन हजार से अधिक अनाधिकृत निर्माणों को नोटिस भेजे जा चुके हैं और पिछले पांच वर्षों में केवल दो सौ अनाधिकृत निर्माणों पर कार्रवाई की गई है। अनाधिकृत निर्माण को दिए गए नोटिस और की गई वास्तविक कार्रवाई के बीच एक बड़ा अंतर है। अब भी इसी तरह नागरिकों को नोटिस देकर पूर्व कार्रवाई की धमकी दी जा रही है और संबंधित विभाग के कुछ अधिकारी कार्यालय में बुलाकर कार्रवाई रोकने के लिए लाखों रुपये की मांग कर रहे हैं। कुछ नागरिक नागरिकों के बीच विवाद,राजनीतिक मतभेद,वित्तीय आदान-प्रदान या अन्य कारणों से ऐसे अनाधिकृत निर्माणों की शिकायत पीएमआरडीए के अनाधिकृत निर्माण विभाग से करते हैं। संबंधित शिकायत के अनुसार अधिकारी निरीक्षण के लिए आते हैं और संबंधित अनधिकृत निर्माण के क्षेत्र में कुछ अन्य निर्माणों को नोटिस जारी करते हैं। ऐसे में अनाधिकृत निर्माणों को उंगलियों पर गिनने की तरह ही नोटिस मिलते हैं।
शिकायत की तो कार्रवाई का डर! निर्माण पर अब तक लाखों की मेहनत की कमाई खर्च की जा चुकी है। साथ ही अगर अनाधिकृत निर्माण विभाग के अधिकारी शिकायत करते हैं कि उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं तो नागरिकों को डर है कि जानबूझकर उनके निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसी डर का फायदा उठाकर अनाधिकृत निर्माण विभाग के अधिकारी लाखों रुपये की उगाही कर रहे हैं।
पीएमआरडीए कुछ अनधिकृत निर्माणों को नोटिस भेजकर कार्रवाई करने की धमकी दे रहा है। समझौता करने के लिए आम नागरिकों और किसानों से लाखों रुपये की मांग की जा रही है। प्रशासन आम नागरिकों के साथ अन्याय कर रहा है और अगर यह अनाचार बंद नहीं हुआ, तो वे सरकार के पास जाएंगे। इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा प्रवीण ठाकरे, डिप्टी कलेक्टर, अनधिकृत निर्माण विभाग,पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकर ने आश्वासन दिया है।