Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) एमपीएससी के छात्रों ने पुणे में फिर से विरोध शुरू कर दिया है। आयोग द्वारा क्लर्क, टाइपिस्ट और टैक्स असिस्टेंट की टाइपिंग स्किल टेस्ट में किए गए बदलाव से छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए हैं। एमपीएससी के छात्रों का यह आंदोलन पुणे के बालगंधर्व चौक पर शुरू हुआ है।
क्लर्क टाइपिस्ट और टैक्स असिस्टेंट स्किल टेस्ट को लेकर एमपीएससी के छात्रों ने यह आंदोलन शुरू किया है। महाराष्ट्र आयोग ने महाराष्ट्र परीक्षा परिषद के नियमों के अनुसार बिना टाइपिंग स्किल टेस्ट में अचानक बदलाव किया है। यह परीक्षा राज्य परीक्षा परिषद के नियमानुसार कराने की मांग को लेकर आज छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों ने स्टैंड लिया है कि जब तक यह मांग नहीं मानी जाती है तब तक वे सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
आखिर क्या है छात्रों की मांग?
पुणे के बालगंधर्व चौक पर छात्रों द्वारा जोरदार नारेबाजी की जा रही है। क्लर्क टाइपिस्ट और टैक्स असिस्टेंट परीक्षा के लिए आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली कौशल परीक्षा में शब्द सीमा अधिक है। हम आयोग से अनुरोध करते हैं कि मराठी 30 के लिए शब्द सीमा 120 से 130 शब्द और अंग्रेजी के लिए 210 से 230 शब्द है। इसी तरह छात्रों की मांग है कि आयोग हमारा स्किल टेस्ट कराए। आयोग के पास निश्चित रूप से परिवर्तन करने की शक्ति है। लेकिन अगर हमारे साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, तो हमें वह मांग किससे करनी चाहिए? यह सवाल कुछ छात्रों ने भी उठाया है।
शब्द सीमा से दोगुने से भी ज्यादा
आयोग को हमारे पास मौजूद जीसीसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। तदनुसार, आयोग के पास 120 से 130 शब्दों का मार्ग है। हमें इसे 10 मिनट में पूरा करना है। अब आयोग द्वारा किए गए बदलाव मराठी के लिए 300 शब्द हैं। तो 400 शब्द अंग्रेजी के लिए है। छात्रों ने कहा कि यह शब्द सीमा दोगुनी से भी ज्यादा है। इसलिए विद्यार्थियों ने कहा है कि हमें शब्द सीमा कम चाहिए। हमें विरोध करना पड़ रहा है क्योंकि हमारे साथ अन्याय हो रहा है। छात्रों ने कहा कि सात दिन बाद पेपर बदलना गलत है। दूसरे छात्रों ने यह भी कहा कि मराठी की परीक्षा के दौरान हमें हिंदी की-बोर्ड दिया गया था। छात्रों ने कहा है कि अभी हमें आयोग से कोई जवाब नहीं मिला है। आयोग की वेबसाइट पर मेल किया गया। हालांकि, छात्रों ने कहा है कि उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।