Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ में मनपा प्रशासन द्वारा उपयोगकर्ता शुल्क दंड की चल रही वसूली को आखिरकार रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई विस्तृत बैठक में कैबिनेट मंत्री डॉ.उदय सामंत ने बिड़ा फैसला। ऐसे में पिंपरी-चिंचवड़ के आम लोगों को राहत मिली है। विधायक महेश लांडगे को उपभोक्ता शुल्क रद्द कर वसूली गयी जुर्माना राशि रद्द करनी चाहिए। इस मांग के लिए मानसून सत्र में जोरदार प्रेजेंटेशन देकर पुरजोर वकालत की गई। इसलिए राज्य सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा।
राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने अधिसूचित किया है कि स्थानीय निकायों को ठोस कचरे के प्रबंधन और प्रबंधन के लिए उपयोगकर्ता शुल्क लेना चाहिए। इसकी घोषणा 1 जुलाई, 2019 को की गई थी। लेकिन पालिका प्रशासन ने पिछले चार साल में इस पर अमल नहीं किया है। अब जुर्माने के साथ उपभोक्ता शुल्क की वसूली शुरू कर दी गई है। लिहाजा प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के बीच नया टकराव खड़ा हो गया है। इस संबंध में विधायक लांडगे ने विधानसभा में आक्रामक तरीके से शहरवासियों का पक्ष रखा।
पालिका प्रशासन ने शहर में प्रति संपत्ति 60 रुपये प्रति माह और प्रति वर्ष 720 रुपये तय की है। ’उपयोगकर्ता शुल्क और जुर्माना’ का संग्रह 1 जुलाई 2019 से शुरू किया गया है। अब तक करीब 35 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। पिछले चार साल का आंकड़ा करीब 153 करोड़ रुपये बकाया है। राज्य सरकार के निर्णय के कारण अब यह वसूली स्थगित कर दी गयी है।
महाराष्ट्र सरकार ने 1 जुलाई 2019 को उपयोगकर्ता शुल्क के संबंध में एक अधिसूचना की घोषणा की है। इसे 2023 में पिंपरी-चिंचवड़ में लागू किया जा रहा है, इस देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? हम लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए आते हैं। आपको हमारा सवाल सुनना चाहिए। हमें जनता ने उनके मुद्दे उठाने के लिए भेजा है। इसलिए सदन को मेरी बात सुननी होगी, विधायक लांडगे ने आक्रामक ऐसा रुख अपनाया।
विधायक लांडगे इस बात पर अड़े थे कि पिंपरी-चिंचवड़करों को उपयोगकर्ता शुल्क और राहत पर ध्यान दिया जाना चाहिए। चार घंटे तक इंतजार करने के बाद जब विधायक लांडगे को एहसास हुआ कि लक्षवेधी(ध्यानाकर्षण) पर चर्चा के लिए समय नहीं दिया गया तो वे नाराज हो गये। उन्होंने कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके चलते कैबिनेट मंत्री डॉ.उदय सामंत ने सकारात्मक पहल की। विधायक लांडगे ने पिंपरी-चिंचवड़ का मुद्दा प्रभावी ढंग से उठाया। वह चिढ़ गये थे,क्योंकि अन्य कामों में समय बर्बाद हो रहा था।
स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में आय अर्जित करने वालों से कर एकत्र करते हैं। बदले में कचरा, पानी, रोशनी, सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। फिर कचरा प्रबंधन के लिए अलग से शुल्क लेना उचित नहीं है। राज्य सरकार ने पेनल्टी टैक्स को पूरी तरह माफ करने का फैसला किया है। उसी तर्ज पर, सदन से उपयोगकर्ता शुल्क वसूली के निर्णय को स्थायी रूप से रद्द करने और पिंपरी-चिंचवडकरों को राहत देने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में बैठक होगी, तब तक सरकार ने उपभोक्ता शुल्क वसूली पर रोक लगा दी है।