Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) लोनावला में प्रकृति का आनंद लेते हुए आपको रोमांच (स्काई वॉक) का अनुभव मिलेगा, जो पुणे की एक ठंडी जगह है। 2,000 फुट की खाई पर चलने और हवा में उड़ने का आनंद जल्द ही उपलब्ध होगा। राज्य सरकार ने इस पर्यटक स्थल पर ग्लास स्काई के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उसके कारण, भविष्य में लोनावला में लायंस और टाइगर प्वाइंट की सूरत सचमुच बदल जाएगी। दो हजार फीट गहरी घाटी पर स्काई वॉक बनाकर इन दोनों प्वाइंट को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। इस मौके पर पर्यटक घाटी में घूमने और जिप लाइन के जरिए हवा में छलांग लगाने का रोमांच अनुभव कर सकेंगे। इसके साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न खेल, एम्फीथिएटर, फूड पार्क, ओपन जिम और पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। राज्य सरकार सौ करोड़ की लागत से दोनों प्वाइंट को बारह एकड़ क्षेत्रफल में विकसित करने जा रही है।
इस स्काई वॉक के जरिए पर्यटक कुछ चीजों का अनुभव ले सकेंगे। ये इस वीडियो में दिखाया गया है। लोनावला क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा को देखते हुए पर्यटक यहां बड़ी संख्या में आते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के लिए साहसिक खेलों एवं अन्य सुविधाओं सहित एक अच्छी योजना एक माह के अन्दर तैयार की जाय। योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि वह प्रकृति के अनुकूल हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। अजीत पवार ने संकेत दिया कि योजना तैयार करने के लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से तत्काल योजना बनाई जानी चाहिए।
चूँकि इस क्षेत्र में हवा की गति तेज़ है, इसलिए योजना तैयार करते समय पर्यटकों की सुरक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पर्यटकों के लिए फुटपाथ तैयार करते समय कंक्रीट के स्थान पर पत्थरों का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसे इस प्रकार डिजाइन किया जाना चाहिए कि पर्यटक आसपास की प्रकृति का आनंद ले सकें। यह सुझाव दिया गया कि योजना में क्षेत्र में पर्यटकों के लिए पार्किंग स्थल और आवश्यक सुविधाएं भी शामिल होनी चाहिए।
इसके साथ ही मावल तहसील के कुसूर (कुसवली) पठार को विश्व पर्यटन केंद्र बनाने पर भी चर्चा हुई। मावल से नवी पनवेल और मुंबई कुछ ही दूरी पर हैं। इसलिए इस क्षेत्र में पर्यटन विकास की अच्छी संभावना है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भी समृद्ध है। इसलिए वहां विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने के लिए इस परियोजना को जिला विकास योजना में शामिल किया जाना चाहिए। शासन के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। यह सुझाव दिया गया कि योजना तैयार करने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र की जानी चाहिए।