Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र कांग्रेस को लेकर फिलहाल दो बड़ी खबरें हैं। पहली बीजेपी नेता सुजय विखे पाटील का वो बयान जिसमें उन्होंने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य कांग्रेस के भीतर बड़ा भूकंप आ सकता है। दूसरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। पूर्व विधायक और कांग्रेस के नेता आशीष देशमुख ने पटोले के खिलाफ खुलकर बगावत की है। इस बाबत उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि उन्हें एक पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस में चल रही तमाम मुश्किलों को भी बताया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नाना पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाना चाहिए। वरना यह विरोध यूं ही बढ़ता रहेगा और पार्टी का बंटाधार होता रहेगा।
सुजय विखे पाटील के बयान पर अगर गौर फरमाएं तो महाराष्ट्र के नासिक जिले में जिस तरह की राजनीतिक जंग फिलहाल दिखाई पड़ रही है। वह कांग्रेस के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलों का सबब बन सकती है। कांग्रेस ने सुधीर तांबे और उनके बेटे सत्यजीत तांबे को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्होंने पार्टी के साथ बगावत की है। पार्टी के इस फैसले को लेकर सुजय विखे पाटिल ने यह तंज कसा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस में फूट की खबर
पिछले साल विधान परिषद चुनाव और विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के समय से ही कांग्रेस पार्टी में नाराजगी की खबरें सामने आ रही थी। उस वक्त भी यह चर्चा चल रही थी कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के अलावा उनके कुछ समर्थक बीजेपी के संपर्क में हैं और वह कभी भी कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं। हालांकि, समय-समय पर अशोक चव्हाण ने यह बताया कि उनके खिलाफ यह खबरें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं, वह कांग्रेस ही रहेंगे। हालांकि, अब जिस तरह से सुजय विखे पाटील ने बयान दिया है। उसको देखते हुए एक बार फिर से महाराष्ट्र के सियासत में अटकलों का दौर शुरू हो चुका है।
पटोले के खिलाफ पहले भी नाराजगी की खबरें
नाना पटोले के खिलाफ नाराजगी की खबर का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बीते साल पटोले के खिलाफ नेताओं ने बगावती सुर अपनाए थे। महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान भी पटोले पर यह आरोप लगे थे कि वह अपनी पार्टी के विधायकों और नेताओं की बात पर ध्यान नहीं देते। उस समय भी कांग्रेस आलाकमान तक पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की गई थी। उस समय यह भी कहा जा रहा था कि पटोले पर आलाकमान कार्रवाई कर सकता है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा सकता है।
हालांकि, ऐसा कुछ भी हुआ नहीं लेकिन जिस तरह से नासिक में तांबे पिता-पुत्र ने सियासी समीकरण बदला है। उसे नाना पटोले की काबिलियत और छवि दोनों पर बट्टा लगा है। ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की नाराजगी के मद्देनजर आलाकमान एक्शन ले सकता है।