Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) जितेंद्र अव्हाड का भगवान श्रीराम को अपशब्द कहना बहुत दुखद है और यह बयान बहुत ही मूर्खतापूर्ण है, वाल्मिकी रामायण के चौदह रामायणों में से किसी में भी यह उल्लेख नहीं है कि भगवान रामचन्द्र मांसाहारी थे,बल्कि यह उल्लेख है कि भगवान रामचन्द्र फल,मूल खाते थे। और कंद और 14 वर्षों तक निर्वासन में रहे। वह यह कहकर सभी हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं कि जितेंद्र आव्हाड मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उन्हेें इलाज की जरूरत है।
पूरे देश में भगवान श्रीराम का माहौल देखकर कई राजनेता मानसिक रुप से बिमार पड़ चुके है। यह उसी का एक हिस्सा है, श्रीराम का अपमान करने की विकृत मानसिकता और कोशिशों को लोग कई बार अनुभव कर चुके हैं, ऐसे श्रीराम विरोधी और हिंदू विरोधी लोगों को सबक सिखाया जाएगा। ऐसी चेतावनी अमित गोरखे,भाजपा पिंपरी विधानसभा प्रमुख ने दी।
क्या कहा जीतेन्द्र आव्हाड ने?
शिर्डी में एक अपनी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सम्मेलन में जितेंद्र आव्हाड ने प्रभू श्रीराम के बारे में अशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि राम शाकाहारी नहीं बल्कि मांसाहारी थे, उन्होंने 14 वर्ष वनवास में बिताए, तो वे शाकाहारी कैसे हो सकते हैं? आव्हाड ने कहा कि हमें कई इतिहास याद नहीं रहते या पढ़े नहीं हैं। राजनीति के बहाव में बह जाते है। राम हम बहुजनों के हैं। शिकार करके खाने वाले राम बहुजन के हैं। राम का आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहार थोपा जा रहा है। जीतेंद्र आव्हाड ने यह भी बयान दिया कि वह 14 साल तक जंगल में रहने वाले राम शिकार करते थे।